25 Years of India-Germany Strategic Partnership
संदर्भ:
भारत और जर्मनी रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे किए। यह साझेदारी शांति (peace), समृद्धि (prosperity), जन–जन के संबंधों (people-to-people ties) और सतत विकास जैसे मूल सिद्धांतों पर आधारित है।
(25 Years of India-Germany Strategic Partnership) भारत–जर्मनी सामरिक साझेदारी:
शांति और स्थिरता की साझा दृष्टि–
- नियम–आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता।
- Intergovernmental Consultations (IGC) के माध्यम से राजनीतिक संवाद की संस्थागत व्यवस्था।
- इस संवाद से गहरी राजनीतिक विश्वास और नीति समन्वय को बढ़ावा मिलता है।
- रक्षा क्षेत्र में सहयोग निरंतर मजबूत हो रहा है:
- उदाहरण: तरंग शक्ति 2024 जैसे संयुक्त सैन्य अभ्यास।
- नौसैनिक बंदरगाह यात्राएं भारत-जर्मनी के रणनीतिक जुड़ाव को और गहरा करती हैं।
- इंडो–पैसिफिक क्षेत्र को जर्मनी की भू-रणनीतिक सोच में महत्वपूर्ण रूप से जोड़ा जा रहा है।
- भविष्य में रक्षा उद्योगों में मिलकर कार्य करने की संभावनाएं, जो द्विपक्षीय भरोसे को दर्शाती हैं।
आर्थिक समृद्धि से आगे की सोच–
- आर्थिक सहयोग इस साझेदारी का मजबूत स्तंभ है, पर यह केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है।
- समृद्धि का अर्थ:
- सार्थक रोजगार सृजन
- जीवन की गुणवत्ता में सुधार
- मानव क्षमता का सशक्तिकरण
- लगभग 2,000 जर्मन कंपनियां भारत में सक्रिय, जो 5 लाख से अधिक भारतीयों को रोजगार देती हैं।
- उदाहरण: दिल्ली–मेरठ रैपिड रेल परियोजना, जिसे Deutsche Bahn संचालित कर रही है – उच्च तकनीक सहयोग का प्रतीक।
- वैश्विक व्यापार में अस्थिरता के बीच भारत-जर्मनी सप्लाई चेन की मजबूती आपसी भरोसे का संकेत है।
- संभावनाएं:
- भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (India-EU FTA) साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है।
- संयुक्त अनुसंधान और तकनीकी सहयोग, विशेष रूप से पर्यावरणीय चुनौतियों और उद्यमशील नवाचारों में समाधान खोजने की दिशा में सहायक।
भारत–जर्मनी जन–जन संबंध–
- जर्मनी में 50,000+ भारतीय छात्र, सबसे बड़ा विदेशी छात्र समूह।
- ये छात्र व पेशेवर दोनों देशों के बीच संस्कृति, शिक्षा और सफलता का सेतु हैं।
- ये संबंध जमीनी स्तर पर आपसी समझ और सहयोग को मजबूत करते हैं।
- भाषाई समझ बढ़ाना जरूरी – भारतीय जर्मन सीख रहे हैं, जर्मनों को भी भारतीय भाषाओं व संस्कृति से जुड़ना चाहिए।
आगे की राह:
- पर्यावरणीय स्थिरता भारत-जर्मनी साझेदारी का प्रमुख क्षेत्र है।
- 2022 में जर्मनी ने €10 अरब का योगदान GSDP के तहत देने की घोषणा की।
- सहयोग क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा, जैव विविधता और स्मार्ट शहर शामिल हैं।
- जर्मन तकनीक गुजरात की हरित परियोजनाओं में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
यह सहयोग सांझा वैश्विक जिम्मेदारी का प्रतीक है।