Mahendra Singh Dhoni Inducted into ICC Hall of Fame 2025
सामान्य अध्ययन पेपर I: खेल |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को ICC क्रिकेट हॉल ऑफ फेम 2025 में शामिल किया गया है। यह सम्मान उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके अद्वितीय योगदान, कप्तानी कौशल और ऐतिहासिक उपलब्धियों को मान्यता देते हुए प्रदान किया गया है।
- महेंद्र सिंह धोनी अब ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले 11वें भारतीय खिलाड़ी बन गए है।
Mahendra Singh Dhoni Inducted into ICC Hall of Fame 2025
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ICC हॉल ऑफ फेम क्या हैं?
- परिचय:
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- ICC हॉल ऑफ फेम एक वैश्विक प्रतिष्ठित मंच है, जो क्रिकेट इतिहास में अतुलनीय योगदान देने वाले महान खिलाड़ियों को सम्मानित करता है।
- यह पहल क्रिकेट के गौरवशाली अतीत और उसके नायकों की उपलब्धियों को पीढ़ियों तक संरक्षित रखने का कार्य करती है।
- इसमें उन खिलाड़ियों को शामिल किया जाता है, जिन्होंने न केवल अपने प्रदर्शन से, बल्कि खेल की दिशा और छवि को भी नया आयाम दिया।
- इस सूची में पुरुषों के साथ-साथ महिला खिलाड़ियों को भी समान अधिकार से शामिल किया जाता है।
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- स्थापना:
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- इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 2009 को ICC (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) ने FICA (फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स असोसिएशंस) के सहयोग से की थी।
- यह आयोजन ICC की शताब्दी समारोह का हिस्सा था।
- प्रारंभिक रूप से इसमें FICA हॉल ऑफ फेम (1999–2003) में चुने गए 55 दिग्गज खिलाड़ियों को शामिल किया गया।
- इसके अतिरिक्त, 2009 में पांच नए खिलाड़ियों को भी इस सूची में जोड़ा गया।
- इसके बाद से, हर वर्ष ICC अवॉर्ड समारोह के दौरान नए सदस्यों को इस हॉल ऑफ फेम में सम्मिलित किया जाता है।
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- उद्देश्य:
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- इस पहल का मूल उद्देश्य खेल में स्थायी योगदान देने वाले खिलाड़ियों को वैश्विक स्तर पर पहचान देना है।
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- पात्रता:
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- हॉल ऑफ फेम में शामिल होने के लिए खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिए कम से कम पांच वर्ष बीत चुके होने चाहिए।
- चयन प्रक्रिया:
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन की स्थिरता
- रिकॉर्ड और उपलब्धियाँ
- खेल पर प्रभाव और नेतृत्व क्षमता
- क्रिकेट के प्रति दीर्घकालिक योगदान
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- विशेषताएं:
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- अब तक 122 खिलाड़ियों को इस प्रतिष्ठित मंच पर स्थान मिला है, जिसमें से 85 खिलाड़ी इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज से हैं।
- अन्य 37 खिलाड़ी भारत, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, न्यूज़ीलैंड, श्रीलंका और ज़िम्बाब्वे जैसे देशों से हैं।
- 2025 तक, 15 महिला खिलाड़ी भी इस सूची में शामिल हो चुकी हैं, जो महिलाओं के क्रिकेट के प्रति बढ़ते सम्मान और स्वीकृति को दर्शाता है।
- 2010 में रैचेल हेहो फ्लिंट इस मंच पर स्थान पाने वाली पहली महिला बनीं, जिन्होंने 1973 में इंग्लैंड को पहला महिला विश्व कप जिताया था।
- इसमें खिलाड़ियों को सम्मान के रूप में एक विशेष हॉल ऑफ फेम कैप प्रदान की जाती है, जो उनकी उपलब्धियों का भौतिक प्रतीक होती है।
महेंद्र सिंह धोनी का क्रिकेट करियर
- शुरुआत:
- 2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने बहुत ही कम समय में खुद को भारतीय क्रिकेट का मजबूत स्तंभ बना लिया।
- उनका शांत स्वभाव और गहन आत्मविश्वास शुरुआती दिनों से ही उनके व्यक्तित्व की पहचान बन गया।
- कप्तानी:
- 2007 में भारतीय टीम की कप्तानी संभालने के साथ ही धोनी ने नई सोच और रणनीति के साथ टीम को आगे बढ़ाया।
- सबसे पहले उन्होंने ICC T20 वर्ल्ड कप 2007 जीतकर भारत को पहली बार इस फॉर्मेट में विश्व चैंपियन बनाया।
- इसके बाद 2011 का वनडे वर्ल्ड कप, जो भारत ने 28 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद घरेलू धरती पर जीता, उनके नेतृत्व की उत्कृष्टता का प्रमाण था।
- 2013 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर धोनी ने तीनों प्रमुख ICC ट्रॉफियाँ जीतने वाले विश्व के एकमात्र कप्तान बनने का गौरव प्राप्त किया।
- आँकड़े:
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- धोनी का 16 वर्षों का अंतरराष्ट्रीय करियर आंकड़ों की दृष्टि से भी बेहद प्रभावशाली रहा है।
- 350 वनडे मैचों में उन्होंने 10,773 रन बनाए, औसत 50.57 और इसमें 10 शतक व 73 अर्द्धशतक शामिल हैं। वह वनडे क्रिकेट के सबसे सफल फिनिशर माने जाते हैं।
- 90 टेस्ट मैचों में धोनी ने 4,876 रन बनाए, औसत 38 से अधिक और 6 शतक भी उनके नाम दर्ज हैं।
- विकेटकीपर के रूप में उन्होंने टेस्ट में 294 और वनडे में 450 से अधिक शिकार किए, जिससे वह क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद और चपल विकेटकीपरों में गिने जाते हैं।
- संन्यास:
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- उन्होंने अगस्त 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया, लेकिन इसके बाद भी धोनी का क्रिकेट प्रेम कम नहीं हुआ।
- उन्होंने अपना आखिरी मैच 2019 विश्व कप सेमीफाइनल में खेला, जहाँ भारत न्यूज़ीलैंड के खिलाफ हार का सामना कर बाहर हो गया।
- इसके बाद धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के साथ IPL में सक्रिय भूमिका निभाई।
ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल भारतीय दिग्गज क्रिकेटर
- बिशन सिंह बेदी (2009): बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ बिशन सिंह बेदी को उनके नियंत्रित लाइन-लेंथ और शुद्ध क्रिकेटीय तकनीक के लिए जाना गया। उन्होंने भारत के लिए 67 टेस्ट मैचों में 266 विकेट लिए और 22 बार कप्तानी भी की।
- कपिल देव (2009): 1983 विश्व कप विजेता कप्तान, कपिल देव भारत के सबसे महान ऑलराउंडरों में से एक रहे। वह टेस्ट क्रिकेट में 5000+ रन और 400+ विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी थे। उनके तेज गेंदबाज़ी कौशल और आक्रामक बल्लेबाज़ी ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया।
- सुनील गावस्कर (2009): सुनील गावस्कर को टेस्ट क्रिकेट का स्तंभ माना जाता है। उन्होंने न केवल 10000 से अधिक रन बनाए, बल्कि 34 टेस्ट शतक भी लगाए। उनकी तकनीकी मजबूती और मानसिक दृढ़ता उन्हें उस दौर का सबसे विश्वसनीय बल्लेबाज़ बनाती है।
- अनिल कुंबले (2015): लेग स्पिन के जादूगर अनिल कुंबले ने टेस्ट में 619 विकेट लेकर भारत के सबसे सफल गेंदबाज़ के रूप में खुद को स्थापित किया। एक मैच में 10 विकेट लेने वाले इकलौते भारतीय गेंदबाज़ बनने का गौरव भी उन्हीं के पास है।
- राहुल द्रविड़ (2018): ‘द वॉल’ कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ ने शांति, अनुशासन और निरंतरता का प्रतीक बनकर भारतीय बल्लेबाज़ी को मजबूती दी। उनके नाम 13288 टेस्ट रन और 36 टेस्ट शतक हैं। विकेट के पीछे भी उन्होंने टीम को कई बार संकट से उबारा।
- सचिन तेंदुलकर (2019): क्रिकेट के भगवान के रूप में पूजित सचिन तेंदुलकर के नाम 100 अंतरराष्ट्रीय शतक हैं। उन्होंने 200 टेस्ट और 463 वनडे खेलकर रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी। उनकी बल्लेबाज़ी भारतीय जनमानस की भावना से जुड़ी रही।
- वीनू मांकड़ (2021): वीनू मांकड़ एक ऐसे हरफनमौला खिलाड़ी थे जिन्होंने 1000 रन और 100 विकेट का टेस्ट डबल सिर्फ़ 23 मैचों में हासिल किया। पंकज रॉय के साथ उनकी 413 रनों की ओपनिंग साझेदारी लंबे समय तक रिकॉर्ड बनी रही।
- वीरेंद्र सहवाग (2023): वीरेंद्र सहवाग की बल्लेबाज़ी में एक खुला आक्रामक तेवर था। वे भारत के पहले बल्लेबाज़ बने जिन्होंने दो बार टेस्ट में तिहरा शतक लगाया। उन्होंने वनडे और टेस्ट दोनों में भारत को कई यादगार जीत दिलाई।
- डायना एडुल्जी (2023): भारतीय महिला क्रिकेट की अग्रणी खिलाड़ी डायना एडुल्जी ने 120 अंतरराष्ट्रीय विकेट लेकर इतिहास रचा। उन्होंने भारतीय महिला टीम की कप्तानी भी की और महिला क्रिकेट के विकास में अहम भूमिका निभाई।
- नीतू डेविड (2024): बाएं हाथ की स्पिनर नीतू डेविड ने भारत के लिए 182 अंतरराष्ट्रीय विकेट झटके। उन्होंने 97 वनडे और 10 टेस्ट खेले और महिला क्रिकेट को नई पहचान दिलाई।
- महेंद्र सिंह धोनी (2025): धोनी को उनकी अभूतपूर्व कप्तानी, शांत स्वभाव और मैच फिनिशिंग क्षमता के लिए जाना जाता है। वे इकलौते कप्तान हैं जिन्होंने तीनों ICC ट्रॉफियां जीतीं – T20 (2007), ODI World Cup (2011), और Champions Trophy (2013)।