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सबसे भारी प्रोटॉन उत्सर्जक एस्टेटिन-188 का पता चला (Heaviest Proton emitter Astatine-188 detected) | UPSC Preparation

Heaviest Proton emitter Astatine-188 detected

Heaviest Proton emitter Astatine-188 detected

Heaviest Proton emitter Astatine-188 detected – 

संदर्भ:

शोधकर्ताओं ने ऐस्टाटीन (Astatine) के 188At आइसोटोप से प्रोटॉन उत्सर्जन का पता लगाया है और इसकी अर्ध-आयु (half-life) भी मापी है। यह अब तक खोजा गया सबसे भारी प्रोटॉन उत्सर्जक आइसोटोप माना जा रहा है।

प्रोटॉन उत्सर्जन (Proton Emission) क्या है?

परिभाषा:
प्रोटॉन उत्सर्जन एक दुर्लभ प्रकार का रेडियोधर्मी क्षय (radioactive decay) है, जिसमें एक अस्थिर नाभिक (nucleus) अपनी स्थिरता बढ़ाने के लिए एक प्रोटॉन को बाहर निकाल देता है

यह क्यों होता है? जब किसी नाभिक में बहुत अधिक प्रोटॉन जुड़ जाते हैं, तो एक बिंदु आता है जहाँ अंतिम प्रोटॉन बंधित नहीं रह पाता और नाभिक से टपक (drip) जाता है।

  • यह स्थिति प्रोटॉन उत्सर्जन की ओर ले जाती है। हालांकि, ऐसे नाभिक बहुत दुर्लभ और अल्पजीवी होते हैं, जिससे इसका अध्ययन करना कठिन होता है।

अन्य क्षय प्रकारों से कैसे अलग है?

  • अधिकांश रेडियोधर्मी क्षय में अल्फा (α), बीटा (β), या गामा (γ) उत्सर्जन होता है।
  • प्रोटॉन उत्सर्जन में नाभिक से सीधा एक प्रोटॉन बाहर निकलता है, जो इसे अन्य क्षयों से अलग और अधिक दुर्लभ बनाता है।

उदाहरण:

  • एस्टेटाइन188 (Astatine-188) हाल ही में प्रोटॉन उत्सर्जन द्वारा क्षय करता पाया गया।
  • टेल्यूरियम111 (Tellurium-111) और बिस्मथ185 (Bismuth-185) भी ज्ञात प्रोटॉन उत्सर्जक समस्थानिक हैं।

वैज्ञानिक महत्व:

  • यह क्षय प्रकार नाभिकीय स्थिरता (nuclear stability) और परमाणु संरचना की सीमाओं को समझने में सहायक है।
  • तारों में तत्वों की उत्पत्ति जैसे खगोलीय (astrophysics) अध्ययन में योगदान देता है।
  • यह सिद्धांतिक मॉडल्स को मजबूत करता है जो यह भविष्यवाणी करते हैं कि भारी तत्व कैसे क्षय करते हैं

188-Astatine समस्थानिक:

नई खोज: यह पहली बार है जब किसी Astatine समस्थानिक (At-188) में प्रोटॉन उत्सर्जन द्वारा क्षय (proton emission) को प्रयोगशाला में मापा गया है।

  • प्राकृतिक व्यवहार: सामान्यतः समस्थानिक अल्फा (α), बीटा (β) या गामा (γ) कण उत्सर्जन द्वारा क्षय करते हैं। लेकिन प्रोटॉन उत्सर्जन बहुत दुर्लभ घटना है, जो 188Astatine में देखी गई।
  • मापन: 188At की अर्धआयु (half-life) लगभग 190 माइक्रोसेकंड पाई गई — जो इसकी तीव्र अस्थिरता दर्शाती है।
  • क्षय श्रृंखला:
    • 188-Astatine → प्रोटॉन उत्सर्जन करता है और बनता है 187-Polonium
    • 187-Polonium → अल्फा क्षय करता है और बनता है 183-Lead
    • यह श्रृंखला तब तक जारी रहती है जब तक कि स्थिर नाभिक न बन जाए।

वैज्ञानिक महत्व:

  • यह खोज प्रोटॉन उत्सर्जन की सीमाओं और नाभिकीय अस्थिरता को समझने में मदद करती है।
  • यह परिणाम परमाणु भौतिकी, खगोल भौतिकी, और भारी तत्वों की उत्पत्ति के सिद्धांतों में सुधार की संभावना देता है।

Astatine (At): एक दुर्लभ और अत्यंत रेडियोधर्मी तत्व

  • परमाणु संख्या: 85
  • तत्व समूह: यह आवर्त सारणी के हैलोजन समूह (समूह 17) में आता है, जिसमें फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन और आयोडीन जैसे तत्व शामिल हैं।
  • विशेषताएँ:
    • Astatine एक अत्यंत दुर्लभ तत्व है और पृथ्वी की परत में इसकी मात्रा बेहद सीमित होती है।
    • यह एक उच्च रेडियोधर्मी तत्व है और इसका कोई भी समस्थानिक स्थिर नहीं होता — यानी यह लगातार क्षय करता रहता है।
    • अन्य हैलोजनों से अंतर: जहाँ अन्य हैलोजन जैसे क्लोरीन या आयोडीन के स्थिर समस्थानिक होते हैं, वहीं Astatine के सभी समस्थानिक अस्थिर और क्षयशील होते हैं।

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