Bridging health cover, mental healthcare in India
Bridging health cover, mental healthcare in India –
संदर्भ:
भारत में अब मानसिक स्वास्थ्य देखभाल को भी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत शारीरिक बीमारियों के बराबर कवरेज दिया जा रहा है। यह परिवर्तन मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 और भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के निर्देश के बाद संभव हुआ है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लोगों को मानसिक बीमारियों को भी उसी दृष्टिकोण से देखने के लिए प्रोत्साहित करेगा जैसा वे शारीरिक रोगों के प्रति अपनाते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य स्थितियाँ (Mental Health Condition):
- परिभाषा और प्रभाव: मानसिक स्वास्थ्य स्थितियाँ ऐसी विविध मानसिक विकृतियाँ होती हैं जो व्यक्ति की भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक स्थिति को प्रभावित करती हैं।
- WHO की परिभाषा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ सोचने, भावनाओं को नियंत्रित करने या व्यवहार में गंभीर गड़बड़ियों से जुड़ी होती हैं।
- प्रभाव और जोखिम
- ये स्थितियाँ व्यक्ति को मानसिक पीड़ा (distress) पहुंचा सकती हैं।
- रोज़मर्रा के जीवन में कार्यक्षमता को बाधित कर सकती हैं।
- आत्म-हानि (self-harm) का खतरा भी बढ़ जाता है।
- वैश्विक आँकड़े
- दुनियाभर में हर 5 में से 1 वयस्क किसी न किसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या से प्रभावित होता है।
- WHO के अनुसार, उपचार न होने पर मानसिक बीमारियों के कारण हर वर्ष$1 ट्रिलियन से अधिक की उत्पादकता हानि होती है।
भारत में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियाँ:
- मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी प्रमुख चुनौतियाँ:
- विशेषज्ञों की भारी कमी:
- भारत में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर केवल75 मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ (Psychiatrists) हैं।
- जबकि WHO की सिफारिश3 विशेषज्ञ प्रति 1 लाख है।
- कलंक और जागरूकता की कमी (Stigma & Lack of Awareness):
- समाज में मानसिक बीमारी को लेकर अब भी नकारात्मक सोच है।
- बहुत से लोग मदद लेने में हिचकते हैं।
- सीमित बीमा कवरेज:
- कानून के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य बीमा में शामिल है,
- फिर भी कई बीमा योजनाओं में अब भी प्रतिबंध लगे हैं।
- शहरी–ग्रामीण असमानता:
- शहरी क्षेत्रों में सुविधाएं अधिक हैं,
- ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं सीमित हैं और पहुँच बहुत कम है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए सरकारी योजनाएँ और पहल:
- मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017:
- मानसिक और शारीरिक बीमारियों को बराबरी का दर्जा।
- सभी बीमा कंपनियों को मानसिक स्वास्थ्य इलाज को कवर करना अनिवार्य।
- राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP – 1982): कमजोर वर्गों तक सुलभ और सस्ती मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना।
- जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (DMHP – 1996): प्राथमिक स्तर पर बीमारी की पहचान, इलाज और जन-जागरूकता अभियान चलाना।
- टेली–मानस (Tele-MANAS):
- एक डिजिटल मानसिक स्वास्थ्य सेवा।
- दूरदराज़ के क्षेत्रों में टेली-कंसल्टेशन और सपोर्ट प्रदान करता है।
- राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति:
- आत्महत्या की दर को कम करने के लिए बनाई गई नीति।
- जन-जागरूकता, समय पर हस्तक्षेप और सहायता प्रणाली पर ज़ोर।
- वर्कप्लेस मानसिक स्वास्थ्य पहल:
- अब कई कंपनियाँ कर्मचारियों की बीमा योजनाओं में मानसिक स्वास्थ्य लाभ शामिल कर रही हैं।
- यह एक सकारात्मक सांस्कृतिक बदलाव को दर्शाता है।