Apni Pathshala

डीएनए पहचान तकनीक (DNA Identification Techniques) | Apni Pathshala

DNA Identification Techniques

DNA Identification Techniques

DNA Identification Techniques –

संदर्भ:

अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान हादसे के बाद मृतकों की पहचान एक बड़ी चुनौती बन गई है। इस त्रासदी में कई शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे पारंपरिक तरीकों से पहचान करना संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में प्रशासन डीएनए परीक्षण तकनीक का उपयोग कर रहा है ताकि मृतकों की पहचान वैज्ञानिक और सटीक रूप से की जा सके।

डीएनए (DNA): एक संक्षिप्त एवं संरचित विवरण

परिचय: DNA (Deoxyribonucleic Acid) वह अणु है जो सभी जीवों के विकास, वृद्धि और प्रजनन से जुड़ी आनुवंशिक जानकारी को वहन करता है।

शरीर में स्थान:

  • यह लगभग हर मानव कोशिका में पाया जाता है।
  • हर व्यक्ति का DNA विशिष्ट होता है (सिवाय समान जुड़वाँ के)।

संरचना (Structure):

  • DNA चार रासायनिक आधारों से बना होता है: Adenine (A), Thymine (T), Cytosine (C), Guanine (G)
  • ये आधार एक विशेष अनुक्रम में जुड़कर आनुवंशिक को बनाते हैं।

जैविक फिंगरप्रिंट (Biological Fingerprint)

  • DNA की अद्वितीयता के कारण यह जैविक पहचान के रूप में कार्य करता है।
  • इसका उपयोग अपराध जांच और आपदा पीड़ितों की पहचान में किया जाता है

DNA पहचान कैसे काम करती है?

फॉरेंसिक उपयोग: जब जलने, सड़ने या गंभीर चोट के कारण दृश्य पहचान संभव नहीं होती, तब DNA निकाला जाता है।

संदर्भ मिलान (Reference Matching) निकाले गए DNA की तुलना की जाती है:

    • परिवार के सैंपल्स (माता-पिता, भाई-बहन, बच्चे)
    • व्यक्तिगत वस्तुएं (टूथब्रश, रेजर, हेयरब्रश आदि)

उपयुक्त नमूने: हड्डियाँ और दाँत सबसे उपयुक्त होते हैं, खासकर खराब हो चुके नमूनों में, क्योंकि ये DNA को लंबे समय तक सुरक्षित रखते हैं।

फॉरेंसिक सटीकता: विशेष फॉरेंसिक प्रयोगशालाएं DNA अनुक्रम का विश्लेषण कर उच्च सटीकता से पहचान की पुष्टि करती हैं।

DNA विश्लेषण की सामान्य विधियाँ:

Short Tandem Repeat (STR) Analysis

  • DNA के छोटे, दोहराए जाने वाले अनुक्रमों पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • न्यूक्लियर DNA से किया जाता है।
  • फॉरेंसिक पहचान का स्वर्ण मानक माना जाता है।

Mitochondrial DNA (mtDNA) Analysis

  • माइटोकॉन्ड्रिया से DNA निकाला जाता है, जो अधिक टिकाऊ होता है।
  • केवल मातृ पक्ष से प्राप्त होता है।
  • मातृ वंश का पता लगाने में सहायक।

Y-Chromosome Analysis

  • Y गुणसूत्र का विश्लेषण करता है, जो पिता से पुत्र को मिलता है।
  • पुरुष पीड़ितों की पहचान में उपयोगी, जब पितृ पक्ष के रिश्तेदार उपलब्ध हों।

Single Nucleotide Polymorphism (SNP) Analysis

  • DNA अनुक्रम में एकल अक्षरों के बदलाव की पहचान करता है।
  • अत्यधिक खराब DNA के लिए उपयोगी।
  • व्यक्तिगत वस्तुओं से भी यह विश्लेषण संभव।

DNA पहचान की प्रमुख विशेषताएं और उपयोग

  1. गोल्ड स्टैंडर्ड (Gold Standard): DNA विश्लेषण को दुर्घटनाओं, युद्धों, विमान हादसों और अपराध स्थलों पर पहचान के लिए सर्वश्रेष्ठ विधि माना जाता है।
  2. उच्च सटीकता (Accuracy)
  • यह विधि अत्यंत विशिष्ट और सटीक होती है।
  • खराब या विघटित अवशेषों से भी व्यक्तियों की पहचान कर सकती है।
  1. भंडारण संवेदनशीलता: DNA के सुरक्षित विश्लेषण के लिए कठोर संरक्षण मानकों का पालन आवश्यक है, अन्यथा डेटा नष्ट हो सकता है।
  2. वैश्विक उपयोग: इस तकनीक का उपयोग CBI (भारत), INTERPOL (अंतरराष्ट्रीय अपराध पुलिस संगठन), और ICRC (अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति) जैसे संगठनों द्वारा किया जाता है।
  3. कानूनी वैधता (Legal Validity)
  • DNA साक्ष्य को भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) के तहत भारतीय न्यायालयों में मान्यता प्राप्त है।

Download Today Current Affairs PDF

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top