India Develops Solar-Based Technology for Green Hydrogen Generation
India Develops Solar-Based Technology for Green Hydrogen Generation –
संदर्भ:
भारतीय वैज्ञानिकों ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हासिल की है। बेंगलुरु स्थित ‘सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज (CeNS)’ के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सोलर-चालित यंत्र विकसित किया है, जो कम लागत में हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) का उत्पादन कर सकता है। यह तकनीक भविष्य में स्वच्छ ऊर्जा का स्वरूप बदल सकती है।
क्या है यह नवाचार? (What Is the Innovation?)
भारतीय वैज्ञानिकों ने एक अगली पीढ़ी की डिवाइस विकसित की है, जो केवल सौर ऊर्जा का उपयोग कर पानी के अणुओं को विभाजित करके ग्रीन हाइड्रोजन उत्पन्न करती है। यह डिवाइस पूरी तरह से स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा उत्पादन पर आधारित है।
मुख्य विशेषताएं (Key Highlights):
- सौर–चालित ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन: यह डिवाइस किसी भी प्रकार के जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) या दुर्लभ महंगे तत्वों (rare expensive materials) का उपयोग नहीं करती है।
- सस्ती और पृथ्वी पर उपलब्ध सामग्री: डिवाइस में प्रयुक्त सभी तत्व आसानी से उपलब्ध हैं और लागत प्रभावी भी हैं।
- उन्नत फोटोएनोड तकनीक: इसमेंn-i-p हेटेरोजंक्शन आर्किटेक्चर (n-i-p heterojunction architecture) वाला सिलिकॉन-आधारित फोटोएनोड (silicon-based photoanode) उपयोग किया गया है, जो निम्नलिखित परतों से बना है:
- n-type TiO₂
- intrinsic Si (undoped)
- p-type NiO
- उद्योग–तैयार निर्माण तकनीक: इस डिवाइस कोमैग्नेट्रॉन स्पटरिंग (magnetron sputtering) नामक तकनीक से तैयार किया गया है, जो बड़े पैमाने पर उत्पादन (scalable) के लिए उपयुक्त है।
मुख्य लाभ (Key Benefits):
- उच्च दक्षता (High Efficiency)
- कम ऊर्जा इनपुट (Low Energy Input)
- मजबूत टिकाऊपन (Robust Durability)
- लागत में किफायती (Cost-Effective)
महत्वपूर्णता (Significance) –: इस तकनीक का महत्व देश और दुनिया के ऊर्जा भविष्य के लिए बहुत बड़ा है:
- उद्योगों को कार्बन मुक्त बनाना: यह तकनीक हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) बनाकर उन भारी उद्योगों में कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद करेगी, जहाँ उत्सर्जन रोकना अब तक बहुत मुश्किल रहा है।
- भारत के हाइड्रोजन मिशन को मजबूती: यह खोज भारत केHydrogen Economy के सपने को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है, जो ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव का हिस्सा है।
- नेट–जीरो लक्ष्य को समर्थन: यह साफ ईंधन विकल्प (Clean Fuel) देकर भारत और विश्व केNet-Zero Carbon Emission लक्ष्य को हासिल करने में योगदान देगी।
- वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में सहयोग: यह डिवाइस सतत और नवीकरणीय ऊर्जा की ओर वैश्विक बदलाव को गति देगी।
ग्रीन हाइड्रोजन क्या है?
ग्रीन हाइड्रोजन वह हाइड्रोजन है, जिसे इलेक्ट्रोलिसिस की प्रक्रिया द्वारा उत्पन्न किया जाता है – यानी पानी को बिजली की मदद से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित किया जाता है। जब यह बिजली नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा) से प्राप्त की जाती है, तब यह हाइड्रोजन “ग्रीन हाइड्रोजन” कहलाता है।
ग्रीन हाइड्रोजन का महत्व:
- ऊर्जा सुरक्षा: भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और चौथा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातक है।
ग्रीन हाइड्रोजन इस निर्भरता को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा। - औद्योगिक डीकार्बनाइजेश: स्टील, सीमेंट, अमोनिया और रिफाइनरी जैसे क्षेत्रों में जीवाश्म ईंधनों की जगह ले सकता है।
- स्वच्छ परिवहन: हाइड्रोजन से चलने वालेफ्यूल सेल वाहन, ट्रेन और जहाजों को शक्ति प्रदान कर सकता है।
ग्रिड स्थिरता: यह ऊर्जा संग्रहण माध्यम की तरह काम करता है, जो सौर और पवन जैसे अस्थिर नवीकरणीय स्रोतों की कमी को संतुलित करता है।