Pension System for India
Pension System for India –
संदर्भ:
आर्थिक सर्वेक्षण 2025-26 ने भारत की पेंशन व्यवस्था को लेकर एक गंभीर चिंता जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की पेंशन परिसंपत्तियाँ (Pension Assets) केवल GDP के 17% के बराबर हैं और देश के केवल 12% कार्यबल को ही पेंशन सुरक्षा प्राप्त है। जब देश की 85% आबादी अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत हो और 2050 तक निर्भरता अनुपात 30% तक पहुँचने की आशंका हो, तब एक समावेशी और संगठित पेंशन प्रणाली की आवश्यकता अत्यंत जरूरी हो जाती है।
भारत में पेंशन कवरेज की वर्तमान स्थिति (2024)
सामान्य स्थिति:
- भारत के कुल पेंशन एसेट्स GDP का केवल 17% हैं, जबकि विकसित देशों में यह आंकड़ा 80% के आसपास है।
- सिर्फ 12% कार्यबल ही औपचारिक पेंशन योजनाओं के दायरे में आता है।
कवरेज में असमानता:
- सरकारी और संगठित निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए कई पेंशन योजनाएं उपलब्ध हैं।
- असंगठित क्षेत्र के लोग मुख्यतः नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) पर निर्भर हैं।
- FY24 तक इन योजनाओं के माध्यम से केवल 3% आबादी को ही पेंशन सुरक्षा मिल पाई है।
भारत में समावेशी पेंशन प्रणाली की आवश्यकता
वृद्धजन निर्भरता में वृद्धि:
- 2050 तक, भारत की Old-Age Dependency Ratio बढ़कर 30% होने की संभावना है। इसका अर्थ है कि कामकाजी आबादी पर निर्भर बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी, जिससे बुजुर्ग गरीबी संकट का खतरा मंडराएगा।
गिग और असंगठित कार्यबल की चुनौतियाँ:
- भारत का 85% कार्यबल असंगठित क्षेत्र से जुड़ा है, जो GDP का 50% से अधिक योगदान देता है। यह विशाल जनसंख्या आज भी औपचारिक पेंशन सुरक्षा के दायरे से बाहर है।
सभी के लिए वित्तीय सुरक्षा:
- सार्वभौमिक पेंशन प्रणाली निम्न-आय वाले परिवारों को वृद्धावस्था में सुरक्षा प्रदान करेगी।
- यह बचत को प्रोत्साहित करेगी और सार्वजनिक वित्तीय संसाधनों पर निर्भरता कम करेगी।
सतत आर्थिक विकास का आधार:
- समावेशी पेंशन व्यवस्था भारत के दीर्घकालिक आर्थिक स्थायित्व के लिए अत्यंत आवश्यक है।
- यह भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य में मौलिक भूमिका निभा सकती है।
भारत की पेंशन प्रणाली की प्रमुख समस्याएँ:
- कम कवरेज (Low Coverage):
- भारत में केवल12% कार्यबल (workforce) को पेंशन सुरक्षा प्राप्त है। NPS और APY मिलकर केवल3% आबादी तक ही पहुँच पाते हैं।
- विखंडन: कई समानांतर योजनाएं होने सेजटिलता और अकार्यक्षमता बढ़ जाती है।
- स्वैच्छिक भागीदारी (Voluntary Opt-In):
- APY योजना स्वैच्छिकहै।
- वित्तीय साक्षरता की कमीऔर जागरूकता की कमजोरी इसके व्यापक उपयोग में बाधा हैं।
- पेंशन की अपर्याप्तता: Mercer Global Pension Index में भारत काAdequacy Score 2023 में9 था, जो 2024 में घटकर 34.2 हो गया।
- राजकोषीय स्थिरता: जनसांख्यिकीय बदलाव (aging population) के कारणAsset-Liability Mismatch की आशंका है, जिससे भविष्य में पेंशन फंड की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
भारत सरकार की प्रमुख पहलें:
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS):
- यह एकस्वैच्छिक और बाजार से जुड़ी योजना है।
- अब तक यह योजनाभारत के GDP का 5% एसेट कवर करती है।
अटल पेंशन योजना (APY):
- असंगठित क्षेत्रके लिए बनी योजना।
- FY24 तक629 लाख से अधिक सब्सक्राइबर।
- इनमें से7% लोगों ने ₹1,000/माह की पेंशन का विकल्प चुना, affordability के कारण।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS):
- अगस्त 2024 में शुरू की गई यह योजनासरकारी कर्मचारियों के लिए है। यह पुराने और नए पेंशन सिस्टम का समावेश करती है।
- न्यूनतम पेंशन ₹10,000/माहसुनिश्चित की गई है।
महिला समावेशन: APY में महिला भागीदारी FY16 में 37.9% थी, जो FY24 में बढ़कर 52% हो गई।
- NPS वत्सल्य (NPS Vatsalya):इस योजना के तहत बच्चों को कवर किया गया है, ताकि बचपन से ही वित्तीय साक्षरता और पेंशन इनक्लूजन बढ़ाया जा सके।