EV
संदर्भ:
भारत इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में तेज़ी से उभर रहा है। हालिया अनुमानों के अनुसार, भारत 2030 तक दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक कार निर्माता बन जाएगा, केवल चीन, यूरोपीय संघ (EU) और अमेरिका के पीछे। यह उपलब्धि भारत के सतत विकास, नवाचार और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बढ़ते कदमों का संकेत है।
Electric Vehicle (EV) क्या है?
- इलेक्ट्रिक वाहन (EV) वे वाहन हैं जो पेट्रोल या डीज़ल इंजन की जगह इलेक्ट्रिक मोटर से चलते हैं।
- इनमें बैटरी होती है, ईंधन टैंक और आंतरिक दहन इंजन (ICE) की जगह।
- यह वाहन बिजली से चार्ज होते हैं और प्रदूषण रहित होते हैं।
अध्ययन की मुख्य बिन्दु–
EV उत्पादन और मांग:
- भारत की EV उत्पादन क्षमता2024 में 2 मिलियन यूनिट से बढ़कर 2030 तक 2.5 मिलियन यूनिट तक पहुँचने की संभावना है।
- घरेलू मांग2030 तक4 से 1.4 मिलियन यूनिट रहने की उम्मीद है।
- इससे भारत में1–2.1 मिलियन यूनिट का अधिशेष (surplus) होगा, जिससेनिर्यात (exports) की संभावना बढ़ेगी।
बिक्री और बाजार:
- 2030 तक भारत में कुल कार बिक्री में से 7% से 23% तक EVs की हिस्सेदारी हो सकती है।
- 2024 में भारत में EV की पैठ (penetration) केवल 2% रही, जबकि
- वियतनाम में यह 2022 में 3% से बढ़कर 2024 में 17% हो गई।
आयात शुल्क और संरक्षण नीति:
- भारत पूर्ण रूप से बने EV (CBU) पर 70%–100% तक का आयात शुल्क लगाता है ताकि घरेलू निर्माताओं की रक्षा की जा सके।
- फिलहाल भारत की लगभग 100% EV उत्पादन केवल घरेलू बाजार के लिए है।
बैटरी सेल उत्पादन: 2030 तक, भारत की बैटरी सेल उत्पादन क्षमता दक्षिण कोरिया, जापान और मलेशिया से भी अधिक हो जाएगी।