Shanghai Cooperation Organisation
Shanghai Cooperation Organisation –
संदर्भ:
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान किंगदाओ (Qingdao) में भारत के रक्षा मंत्री ने मसौदा वक्तव्य (draft statement) पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
- यह इनकार तब आया जब 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, का उल्लेख मसौदे में नहीं किया गया, जबकि बोलचिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी द्वारा मार्च में की गई जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग का उल्लेख शामिल था।
- भारत ने इसे आतंकवाद के खिलाफ भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण और एकतरफा संवेदनशीलता के रूप में देखा।
भारत द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों –:
- आतंकवाद पर सख्त रुख– भारत ने वैश्विक आतंकवाद से निपटने के लिए दोहरे मानकों की आलोचना की और सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रुख अपनाने की मांग की।
- सीमा–पार आतंकवाद पर निशाना– भारत ने ऐसे देशों की निंदा की जो आतंकवाद को नीति के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकियों को पनाह देते हैं।
- पहुलगाम हमले की प्रतिक्रिया– भारत ने आत्मरक्षा के अधिकार को दोहराया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को जीरो टॉलरेंस नीति का उदाहरण बताया।
- आतंकी वित्तपोषण पर जवाबदेही– भारत ने सभी SCO सदस्यों से आतंकवादियों, उनके समर्थकों और फंडिंग करने वालों को न्याय के कठघरे में लाने की अपील की।
- कट्टरपंथ रोकने पर फोकस– RATS की भूमिका को सराहा और युवाओं में कट्टरपंथ रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की बात कही।
- नई सुरक्षा चुनौतियाँ– ड्रोन से हथियार-ड्रग्स की तस्करी, साइबर अटैक और हाइब्रिड वॉर जैसी चुनौतियों पर चिंता जताई।
- सेंट्रल एशिया से संपर्क– व्यापार और क्षेत्रीय स्थिरता बढ़ाने के लिए भारत ने मध्य एशिया से संपर्क को प्राथमिकता दी।
- अफगानिस्तान के लिए प्रतिबद्धता– भारत ने अफगान लोगों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम जारी रखने का आश्वासन दिया।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO):
- शंघाई फाइव (Shanghai Five) की स्थापना 1996 में चीन और चार पूर्व सोवियत गणराज्यों (कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान) के बीच सीमा निर्धारण और सैन्यकरण समाप्ति की वार्ताओं से हुई थी।
- 2001 में उज्बेकिस्तान के शामिल होने के साथ ही इसका नाम शंघाई सहयोग संगठन (SCO) रखा गया।
उद्देश्य (Objective)
- आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से लड़ने हेतु क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना
- मध्य एशियाई क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देना
सदस्य देश (Members)
- स्थायी सदस्य:
- चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस
- मध्य एशिया के चार देश: कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान
- भारत की सदस्यता:
- 2017 में पूर्ण सदस्य बना
- 2023 में भारत ने घूमती अध्यक्षता संभाली
- पर्यवेक्षक देश (Observers): अफगानिस्तान और मंगोलिया
संगठनात्मक ढांचा (Structure)
- उच्चतम निर्णय निकाय: राज्यों के प्रमुखों की परिषद (Council of Heads of States – CHS)
- स्थायी निकाय:
- सचिवालय – बीजिंग (चीन)
- क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS) – ताशकंद (उज्बेकिस्तान)
- आधिकारिक भाषाएँ: रूसी और चीनी
SCO का भारत के लिए महत्व:
- क्षेत्रीय सुरक्षा: RATS के माध्यम से भारत इंटेलिजेंस साझेदारी और आतंकवाद विरोधी प्रयासों में भाग लेता है
- चीन–पाकिस्तान संतुलन: मंच पर भारत अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकता है और भारत विरोधी नैरेटिव को रोकने का प्रयास कर सकता है
- ऊर्जा सुरक्षा: मध्य एशिया से तेल, गैस, यूरेनियम जैसी आवश्यक ऊर्जा संसाधनों तक पहुंच
- आर्थिक सहयोग: व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ावा
- मध्य एशिया से जुड़ाव: SCO भारत को मध्य एशिया में रणनीतिक गहराई और संपर्क की सुविधा देता है