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भारत की पहली समुद्री NBFC (India First Maritime NBFC) | UPSC Preparation

India First Maritime NBFC

India First Maritime NBFC

India First Maritime NBFC – 

संदर्भ:

केंद्रीय पोर्ट्स, शिपिंग और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने सागरमाला फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (SMFCL) का उद्घाटन किया। यह भारत की समुद्री क्षेत्र की पहली गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जो बंदरगाहों और जलमार्ग परियोजनाओं के वित्तपोषण को नया आयाम देगी।

सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SMFCL):

परिचय:

  • पहले इसे सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के नाम से जाना जाता था।
  • यह एक मिनी रत्न, श्रेणीI, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (CPSE) है।
  • इसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के रूप में पंजीकृत किया गया है।
  • यह भारत का पहला समुद्री क्षेत्र आधारित NBFC है।
  • मुख्यालय: नई दिल्ली

उद्देश्य:

  • समुद्री अवसंरचना और लॉजिस्टिक्स में वित्तीय अंतर को भरना।
  • MSMEs, स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संस्थानों के लिए वित्तीय समावेशन को सक्षम करना।
  • जहाज निर्माण, क्रूज़ पर्यटन और हरित ऊर्जा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों को समर्थन देना।
  • अमृत काल विज़न 2047 के तहत भारत की वैश्विक समुद्री नेतृत्व की दिशा में सहयोग करना।

प्रमुख कार्य:

  • बंदरगाह प्राधिकरणों, लॉजिस्टिक्स कंपनियों और समुद्री उद्यमियों को लघु, मध्यम और दीर्घकालिक ऋण प्रदान करना।
  • ग्रीन हाइड्रोजन, जहाज निर्माण, डिजिटल पोर्ट्स जैसे नवाचारपरक समुद्री परियोजनाओं को वित्त देना।
  • पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल आधारित बंदरगाह और संबद्ध अवसंरचना को वित्तीय सहायता देना।
  • स्टार्टअप्स और अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर समुद्री कौशल विकास और अनुसंधान परियोजनाओं में निवेश करना।

महत्त्व:

  • SMFCL का गठन Maritime Amrit Kaal Vision 2047 के अनुरूप किया गया है।
  • यह बंदरगाह, MSMEs, स्टार्टअप्स और समुद्री संस्थानों के लिए वित्तीय समाधान उपलब्ध कराकर विकास में सहायक होगा।
  • जहाज निर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, क्रूज़ पर्यटन और समुद्री शिक्षा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • यह पहल भारत को वैश्विक समुद्री शक्ति बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और समावेशी एवं सतत समुद्री विकास के लिए समर्पित वित्तीय प्रणाली की नींव रखती है।

भारत का समुद्री क्षेत्रएक परिचय:

रणनीतिक महत्त्व:

  • भारत का समुद्री क्षेत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • देश के कुल व्यापार का 95% मात्रा में और 70% मूल्य में समुद्री मार्ग से होता है।

प्रशासनिक ढाँचा:

  • यह क्षेत्र बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) के अंतर्गत आता है।
  • भारत में कुल 12 प्रमुख बंदरगाह और 200+ छोटे बंदरगाह हैं।

प्रदर्शन (FY24):

  • वित्तीय वर्ष 2023–24 में भारतीय बंदरगाहों ने 818 मिलियन टन कार्गो संभाला — जो FY23 से45% की वृद्धि है।
  • सरकार ने क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और कर प्रोत्साहन की सुविधा दी है।

दीर्घकालिक दृष्टिकोण: अमृत काल विज़न 2047, Maritime India Vision 2030 पर आधारित है, जिसमें मुख्य लक्ष्य हैं:

  • बंदरगाहों का वैश्वीकरण
  • अंतर्देशीय और तटीय शिपिंग को बढ़ावा
  • हरित और टिकाऊ विकास को प्राथमिकता

प्रमुख पहलें:

  • SAGAR SETU प्लेटफॉर्म (जून 2025): MoPSW द्वारा लॉन्च किया गया, यह समुद्री और लॉजिस्टिक संचालन में डिजिटल क्रांति लाने के लिए तैयार है।
  • नई शिपिंग कंपनी की योजना:
    • सरकार की योजना 1,000 नए जहाजों वाला भारतीय जहाज बेड़ा तैयार करने की है।
    • इसका उद्देश्य 2047 तक विदेशी मालभाड़ा लागत को एक-तिहाई तक घटाना है।

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