OBBB
संदर्भ:
“अमेरिकी सीनेट ने ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ का संशोधित संस्करण जारी किया है, जिसमें विदेशी प्रेषण पर प्रस्तावित कर को घटाकर 1% कर दिया गया है।”
अमेरिका में प्रस्तावित रेमिटेंस टैक्स: भारत पर प्रभाव–
प्रारंभिक प्रस्ताव: अमेरिका में यह प्रस्ताव था कि सभी विदेशी रेमिटेंस (धन प्रेषण) पर 5% टैक्स लगाया जाए।
संशोधित प्रस्ताव:
- अब यह टैक्स घटाकर 1% कर दिया गया है।
- यह केवल नकद माध्यमों से भेजे गए रेमिटेंस पर लागू होगा।
- बैंक खातों, डेबिट/क्रेडिट कार्ड्स से भेजे गए रेमिटेंस को छूट दी गई है।
भारत के लिए प्रभाव:
वैश्विक रेमिटेंस में भारत शीर्ष पर:
- वित्त वर्ष 2024–25 में भारतीय प्रवासियों ने $135.46 अरब डॉलर का रिकॉर्ड रेमिटेंस भारत भेजा (RBI के अनुसार)।
- अमेरिका, भारत के लिए सबसे बड़ा रेमिटेंस स्रोत है, जहां व्यवसायिक रूप से सक्रिय भारतीय प्रवासी बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
संभावित जोखिम (यदि टैक्स लागू होता):
- रेमिटेंस में गिरावट से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता।
- चालू खाता घाटा और रुपये की स्थिरता पर दबाव पड़ सकता था।
(OBBB) वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट:
- कर कटौती को स्थायी बनाना: वर्ष 2017 में शुरू की गई आयकर और संपत्ति कर में कटौतियों को स्थायी रूप से विस्तारित किया गया है।
- नई कर राहत योजनाएँ:
- ओवरटाइम वेतन, टिप्स, और सोशल सिक्योरिटी इनकम पर अतिरिक्त कर में छूट।
- व्हाइट हाउस का दावा: $30,000 से $80,000 कमाने वाले अमेरिकी नागरिकों को अगले वर्ष 15% कर छूट मिलेगी।
- सीमा सुरक्षा और सैन्य सुदृढ़ीकरण: सीमा सुरक्षा और सेना के आधुनिकीकरण के लिए अधिक फंडिंग का प्रावधान।
- सरकारी खर्च में पारदर्शिता और नियंत्रण: बर्बादी, धोखाधड़ी और दुरुपयोग को कम करने हेतु कठोर वित्तीय निगरानी तंत्र।
- ऋण सीमा में वृद्धि: सरकार को अधिक ऋण लेने की अनुमति, जिससे वह वित्तीय दायित्वों को पूरा कर सके।