Research Development and Innovation Scheme
संदर्भ:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) स्कीम को मंजूरी दी है, जिसके तहत ₹1 लाख करोड़ का कोष स्थापित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य भारत को वैज्ञानिक शोध, उन्नत तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाना है।
Research Development and Innovation Scheme: प्रमुख तथ्य
मुख्य उद्देश्य:
- आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक महत्व वाले क्षेत्रों में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करना।
- उच्च Technology Readiness Levels वाले परिवर्तनकारी परियोजनाओं को समर्थन देना।
- रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तकनीकों के अधिग्रहण को समर्थन देना।
- डीप-टेक स्टार्टअप्स और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए Deep-Tech Fund of Funds (FoF) की स्थापना करना।
संस्थागत ढांचा:
- गवर्निंग बोर्ड (ANRF):
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में, राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान (Anusandhan National Research Foundation) के तहत।
- योजना को रणनीतिक दिशा प्रदान करता है।
- कार्यकारी परिषद (Executive Council – ANRF): योजना के दिशा-निर्देशों की स्वीकृति, परियोजनाओं और फंड मैनेजर्स की पहचान करती है।
- सशक्त सचिवों का समूह (Empowered Group of Secretaries – EGoS):
- कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में।
- कार्यान्वयन निगरानी, प्रदर्शन की समीक्षा और आवश्यक बदलावों को मंजूरी देता है।
- नोडल विभाग: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
अनुसंधान विकास और नवाचार (RDI) योजना: दो–स्तरीय वित्तपोषण तंत्र
मुख्य ढांचा: सरकार ₹1 लाख करोड़ की राशि 50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में Anusandhan National Research Foundation (ANRF) को प्रदान करेगी।
प्रथम स्तर: विशेष प्रयोजन कोष (Special Purpose Fund – SPF):
- ANRF के तहत स्थापित, यह कोष समस्त धनराशि का संरक्षक होता है।
- SPF से धन द्वितीय स्तर के फंड प्रबंधकों को आवंटित किया जाएगा।
द्वितीय स्तर: फंड प्रबंधक: इन्हें SPF से रियायती दीर्घकालिक ऋण या इक्विटी प्राप्त होती है ताकि R&D परियोजनाओं को वित्तपोषित किया जा सके।
- ये प्रबंधक परियोजनाओं का मूल्यांकन करते हैं और ऋण एवं इक्विटी दोनों माध्यमों से वित्त उपलब्ध कराते हैं।
- R&D परियोजनाओं को दी जाने वाली राशि सामान्यतः कम या शून्य ब्याज दर पर दीर्घकालिक ऋण के रूप में होती है।
वित्तपोषण के रूप:
- दीर्घकालिक रियायती ऋण (मुख्य माध्यम)।
- इक्विटी वित्तपोषण (विशेष रूप से स्टार्टअप्स हेतु)।
- डीप-टेक फंड ऑफ फंड्स में योगदान।
अनुसंधान विकास और नवाचार (RDI) योजना: महत्व
प्रमुख महत्व:
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा: रक्षा तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वच्छ ऊर्जा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक।
- R&D क्रेडिट गैप में कमी: जहां निजी क्षेत्र जोखिम के कारण निवेश से हिचकता है, वहां यह योजना पूंजी प्रदान करती है, जिससे अनुसंधान और विकास में निरंतरता बनी रहती है।
- डीप–टेक नवाचार को प्रोत्साहन: राष्ट्र की दीर्घकालिक प्रगति के लिए आवश्यक क्षेत्रों में गहन तकनीकी नवाचारों और स्टार्टअप्स को समर्थन मिलता है।
अनुसंधान विकास और नवाचार (RDI) योजना: आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 की टिप्पणी
GERD में वृद्धि, फिर भी चिंता:
- भारत ने सकल अनुसंधान और विकास व्यय (GERD) को वर्ष 2011 में ₹60,196 करोड़ से बढ़ाकर 2021 में ₹1,27,381 करोड़ कर दिया है।
- हालांकि, यह कुल व्यय GDP का मात्र 64% है, जो बहुत कम माना गया है।
- आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार:
यह “अपर्याप्त है और उन देशों की तुलना में बहुत कम है जिन्होंने अनुसंधान और नवाचार में वैश्विक बढ़त बनाई है।”