Battery Passport
संदर्भ:
भारत जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की सुरक्षा, गुणवत्ता और वैश्विक निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक “बैटरी पासपोर्ट“ प्रणाली शुरू करने जा रहा है। इस प्रणाली के तहत बैटरियों का डिजिटल और ट्रेसेबल डेटा संग्रहित किया जाएगा, जिससे उनकी निगरानी और प्रमाणिकता सुनिश्चित की जा सकेगी।
Battery Passport: प्रमुख जानकारी
क्या है Battery Passport?
- यह बैटरी की एक डिजिटल पहचान (Digital Identity) होती है, जो एक QR कोड में एम्बेड की जाती है।
- इसमें बैटरी की उत्पत्ति, रचना (composition), प्रदर्शन (performance) और पूरा जीवनचक्र संबंधित डेटा होता है।
लाइफसाइकिल और सप्लाई चेन पारदर्शिता
- बैटरी के कच्चे माल की आपूर्ति से लेकर रीसाइक्लिंग तक की पूर्ण ट्रेसबिलिटी सुनिश्चित करता है।
- किस वर्ष और किस बैच में सेल बनी है, इसकी भी पुष्टि करता है।
वैश्विक मानकों से मेल (Global Alignment)
- EU Battery Regulation जैसे नियमों से प्रेरित होकर, यह भारत की EV प्रणाली को वैश्विक गुणवत्ता, सुरक्षा और कार्बन रिपोर्टिंग मानकों के अनुरूप बनाने का प्रयास है।
Battery Passport का महत्व
- सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करता है: EV में आग लगने की घटनाओं के बाद, यह प्रणाली अलग-अलग निर्माण वर्षों की सेल को मिलाकर बैटरी बनाने जैसे खतरनाक तरीकों पर रोक लगाएगी।
- उपभोक्ता का विश्वास बढ़ाता है: उपभोक्ता QR कोड स्कैन करके बैटरी की स्थिति, अनुमानित आयु और प्रदर्शन से जुड़ी रियल-टाइम जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
- बैटरी स्वैपिंग और रीसाइक्लिंग में सहायक: बैटरी स्वैपिंग नीति में यह सिस्टम ट्रैकिंग, मरम्मत, सुरक्षित निपटान और पुन: उपयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- EV निर्यात में वृद्धि: ट्रेसबिल और प्रमाणित बैटरी सिस्टम से भारतीय EVs अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगी, जिससे वैश्विक बाज़ार में नए अवसर मिलेंगे।