Starlink gets final India regulatory approval for launch
Starlink gets final India regulatory approval for launch –
संदर्भ:
भारत के अंतरिक्ष नियामक INSPACe (Indian National Space Promotion and Authorization Center) ने एलन मस्क की कंपनी Starlink को देश में अंतरिक्ष आधारित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए लाइसेंस प्रदान कर दिया है। इस निर्णय के साथ, भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के क्षेत्र में एक नया दौर शुरू हो रहा है, जिससे दूरदराज़ और ग्रामीण क्षेत्रों में तेज़ और सुलभ इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
Starlink in India: प्रमुख जानकारी
परिचय (About)
- Starlink वर्ष 2022 से भारत में व्यावसायिक संचालन के लिए लाइसेंस की प्रतीक्षा कर रहा था।
- अब इसे भारत में संचालन की सैद्धांतिक मंज़ूरी मिल गई है।
- यह तीसरी कंपनी होगी जिसे भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के लिए स्वीकृति मिली है,
- पहले दो: Eutelsat’s OneWeb और Reliance Jio।
अगले चरण (Next Steps)
- सरकार से स्पेक्ट्रम (frequency) हासिल करना
- ग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना
- सुरक्षा मानकों के अनुरूप ट्रायल और टेस्टिंग करना अनिवार्य होगा
अधिकार क्षेत्र और वैधता
- Starlink को Gen1 Constellation के तहत भारत में 2030 तक
- सैटेलाइट ब्रॉडबैंड क्षमता प्रदान करने की अनुमति मिली है
भारत में Starlink जैसे उपग्रह इंटरनेट सेवाओं के लिए नियामक ढांचा
- लाइसेंसिंग ढांचा: Indian Telegraph Act, 1885
- Section 4:
- टेलीग्राफ (अब टेलीकॉम) प्रणालियों को स्थापित और संचालित करने का विशेष अधिकार केंद्र सरकार को।
- Section 7:
- केंद्र सरकार को लाइसेंस नियमों व शर्तों को तय करने का अधिकार।
- इसमें VSAT और सैटेलाइट संचार सेवाएँ भी शामिल हैं।
- नियामक निगरानी: TRAI (TRAI Act, 1997)
- Section 11 के अंतर्गत TRAI की भूमिकाएँ:
- लाइसेंस शर्तों की सिफारिश
- स्पेक्ट्रम प्रबंधन पर सलाह
- समान प्रतिस्पर्धा और निष्पक्षता सुनिश्चित करना
- Starlink की संचालन व्यवस्था में TRAI की सिफारिशें निर्णायक भूमिका निभाती हैं।
- Telecommunications Act, 2023
- सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन की अनुमति
- अनिवार्य अनुपालन:
- सुरक्षा दायित्व,
- मूल्य निर्धारण मानदंडों के तहत संचालन
- स्पेस सेक्टर नियमन: Satellite Communications Policy, 2000
- भारत में उपग्रह संचार के उपयोग को नियंत्रित करती है
- IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorisation Centre):
- निजी कंपनियों (जैसे Starlink) के साथ समन्वय
- ISRO परिसंपत्तियों से संघर्ष न हो यह सुनिश्चित करना
- राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्राथमिकताओं के साथ संगति बनाए रखना
- डेटा और साइबर सुरक्षा कानून
- Information Technology Act, 2000:
- साइबर सुरक्षा,
- कानूनी इंटरसेप्शन के लिए प्रावधान
- Digital Personal Data Protection Act, 2023:
- व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा,
- डेटा स्टोरेज और एन्क्रिप्शन मानदंड अनिवार्य
- राष्ट्रीय सुरक्षा अनुपालन: गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के निर्देशों का पालन अनिवार्य
अंतरिक्ष क्षेत्र के निजीकरण का महत्व:
- कम लागत: निजी कंपनियाँ लाभ कमाने के लिए नवाचार करती हैं और खर्च घटाती हैं। उदाहरण: SpaceX के पुन: प्रयोज्य रॉकेट।
- कुशल संचालन: कम स्टाफ और सरल संरचना से निर्णय तेजी से होते हैं और खर्च भी कम होता है।
- रोजगार और आत्मनिर्भरता: रोजगार के नए अवसर मिलते हैं, आधुनिक तकनीक का विकास होता है और देश आत्मनिर्भर बनता है।