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नीति आयोग ने राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदों को मजबूत करने के लिए रोडमैप लॉन्च किया (NITI Aayog Launches Roadmap to Strengthen State S&T Councils) | Apni Pathshala

NITI Aayog Launches Roadmap to Strengthen State S&T Councils

NITI Aayog Launches Roadmap to Strengthen State S&T Councils

NITI Aayog Launches Roadmap to Strengthen State S&T Councils – 

संदर्भ:

भारत सरकार की नीति आयोग (NITI Aayog) ने “State S&T Councils को सशक्त बनाने हेतु रोडमैप जारी किया है। यह दो वर्षों में तैयार की गई व्यापक कार्ययोजना है, जिसका उद्देश्य राज्य स्तरीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदों को संरचनात्मक, वित्तीय, प्रशासनिक और सहयोगी दृष्टिकोण से मजबूत बनाना है। इस पहल से राज्यों में वैज्ञानिक नवाचार, अनुसंधान क्षमता, औद्योगिक साझेदारी और क्षेत्रीयआधारित विकास रणनीतियों को केंद्र एवं राज्य के लक्ष्यों से सिंक्रनाइज़ किया जाएगा।

राज्य स्तरीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (S&T) पारिस्थितिकी तंत्र:

प्रमुख उद्देश्य:  

  • राज्य S&T पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करना: वैज्ञानिक नवाचार और सामाजिक-आर्थिक विकास के बीच की दूरी को पाटना।
  • सहयोग को बढ़ावा देना: मंत्रालयों, राज्य सरकारों, अकादमिक संस्थानों, उद्योग और फंडिंग एजेंसियों के बीच समन्वय में सुधार।
  • नवाचार को प्रोत्साहन: पेटेंट सुविधा, रिमोट सेंसिंग, जमीनी स्तर के नवाचार, विज्ञान लोकप्रियकरण और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना।

प्रमुख चुनौतियाँ (Major Challenges Identified)

  • शासन की कमजोरी: बैठकों में अनियमितता, कार्यकारी नेतृत्व की कमी और निर्णय लेने में देरी।
  • अपर्याप्त वित्त पोषण: बजट में असमानता, कोर ग्रांट पर अत्यधिक निर्भरता, केंद्रीय सहायता का उपयोग नहीं होना।
  • मानव संसाधन की कमी: पद खाली, पदोन्नति के अवसर सीमित, स्टाफ की भारी कमी।
  • सीमित सहयोग: उद्योग, शैक्षणिक संस्थानों और केंद्रीय निकायों से जुड़ाव कम।

प्रमुख सिफारिशें (Recommendations)

  1. संरचनात्मक सुधार (Structural Reforms):
  • गवर्निंग काउंसिल में केंद्रीय संस्थानों, विश्वविद्यालयों, उद्योग और PSUs के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
  • वैज्ञानिक पृष्ठभूमि वाले पूर्णकालिक कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति अनिवार्य।
  1. वित्तीय सहायता (Financial Support):
  • राज्य S&T के लिए GSDP का न्यूनतम 5% आवंटित करें।
  • कोर ग्रांट से प्रोजेक्टआधारित ग्रांट की ओर बदलाव (NE राज्यों और UTs को छोड़कर)।
  • प्रदर्शन-आधारित अनुदान और उद्योग एवं मंत्रालयों से विविध स्रोतों से फंडिंग को बढ़ावा दें।
  1. मानव संसाधन (Human Resources):
  • वैज्ञानिक और गैर-वैज्ञानिक स्टाफ का 70:30 अनुपात बनाए रखें।
  • नियमित पद राज्य सरकार द्वारा समर्थित हों, और स्पष्ट पदोन्नति मार्ग हों।
  • सेकंडमेंट पर फैकल्टी और सेवानिवृत्त वैज्ञानिकों का उपयोग करें।
  1. राज्यकेंद्रित भूमिका (State-Focused Roles):
  • राज्य विशेष S&T आवश्यकता मैपिंग करें।
  • पेटेंट सुविधा, तकनीक हस्तांतरण, जैव विविधता सेल जैसी उपसंरचनाएं स्थापित करें।
  1. कार्यक्रम पुनर्परिभाषा (Program Redefinition):
  • राज्य संस्थानों में R&D समर्थन को प्राथमिकता दें।
  • राज्य स्तरीय पुरस्कार, फैलोशिप और इंटर्नशिप की व्यवस्था करें।
  • विज्ञान शहरों और विज्ञान केंद्रों को नवीनतम रूप में नियमित रूप से अपडेट करें।
  1. सहयोग एवं जुड़ाव (Collaboration & Linkages):
  • केंद्रीय एजेंसियों, उद्योग, PSUs, और अकादमिक संस्थानों के साथ मजबूत साझेदारी बनाएं।
  • वार्षिक STI कॉन्क्लेव और ज्ञान साझा करने की गतिविधियाँ आयोजित करें।

नीति आयोग (NITI Aayog): एक दृष्टिकोणात्मक संस्थान

परिचय: नीति आयोग (National Institution for Transforming India) भारत सरकार का एक नीति-निर्माण थिंक टैंक है, जिसकी स्थापना 2015 में योजना आयोग के स्थान पर की गई थी। इसका उद्देश्य सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना और समावेशी एवं सतत विकास सुनिश्चित करना है।

प्रमुख कार्य और उद्देश्य:

  1. रणनीतिक थिंक टैंक
  2. सहकारी संघवाद
  3. नीति-निर्माण में भूमिका
  4. ज्ञान और नवाचार केंद्र
  5. नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा

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