Tobacco Epidemic
Tobacco Epidemic –
संदर्भ:
द लैंसेट की एक समीक्षा में यह ज़ोर दिया गया है कि महिलाओं में तंबाकू सेवन और उससे जुड़ी बीमारियों की बढ़ती संवेदनशीलता को देखते हुए विशेष शोध और नीतिगत बदलावों की तत्काल आवश्यकता है। रिपोर्ट के अनुसार, महिलाएं विशेष रूप से सेकंड–हैंड स्मोक के खतरे की चपेट में आ रही हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
मुख्य निष्कर्ष (Major Findings):
- तंबाकू सेवन के खतरों के बारे में 1950 के दशक से जानकारी उपलब्ध है, फिर भी तंबाकू उद्योग लगातार अपने उत्पादों को बढ़ावा देता आ रहा है, जिससे वैश्विक रोग बोझ (Global Disease Burden) में वृद्धि हो रही है।
- वर्ष 2021 में ही, लगभग 7.3 मिलियन (73 लाख) लोगों की मृत्यु तंबाकू से संबंधित बीमारियों के कारण हुई।
- धूम्रपान (Smoking),
- लगभग 30% क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) मौतों का मुख्य कारण है।
- यह फेफड़ों के कैंसर से होने वाली लगभग 50% मौतों के लिए भी जिम्मेदार है।
- महिलाएं विशेष रूप से पैसिव स्मोकिंग (Second-Hand Smoking) के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
- द्वितीयक धूम्रपान से होने वाली मौतों का 64% से अधिक महिलाओं में देखा गया है।
नीतिगत प्रयास:
- सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA)
- राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (National Tobacco Control Programme)
इन दोनों नीतियों ने तंबाकू उपयोग में कमी लाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
चुनौतियाँ (Persistent Challenges):
- हालांकि कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन लैंगिक–विशिष्ट सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक कारकों के कारण प्रभावी नियंत्रण में अब भी कई बाधाएं बनी हुई हैं।