Ad Valorem Duty
संदर्भ:
अमेरिका ने अपनी व्यापक व्यापार नीति के तहत भारत पर 25% का अतिरिक्त ऐड वैलोरम टैरिफ लगा दिया है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर रूसी तेल के आयात को कारण बताया गया है। इससे पहले भी टैरिफ दर में वृद्धि की गई थी, और अब कुल टैरिफ दर 50% तक पहुंच गई है। यह नया शुल्क 27 अगस्त 2025 से लागू होगा, हालांकि भारत को अमेरिका के साथ 21 दिनों की वार्ता की समयसीमा दी गई है ताकि समाधान की संभावना बनी रहे।
मूल्य–आधारित शुल्क क्या है?
- अर्थ: Ad Valorem Duty एक ऐसा कस्टम शुल्क (customs tariff) होता है जो आयातित वस्तुओं केमूल्य (value) के आधार पर लगाया जाता है, न कि उनके वजन या मात्रा पर।
- शब्द की उत्पत्ति: “Ad valorem” लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है –“मूल्य के अनुसार”।
- कैसे अलग है? यह शुल्कspecific duties से अलग होता है, जो वस्तुओं की संख्या, वजन या आयतन के आधार पर लगाया जाता है, जबकि ad valorem duty केवल मूल्य पर आधारित होती है।
- उदाहरण: मान लीजिए किसी भारतीय उत्पाद की कीमत $1,000 है और अमेरिका में उस पर 25% ad valorem शुल्क लगता है, तो आयात शुल्क = $1,000 × 25% = $250लगेगा।
- महत्वपूर्ण बिंदु: यह शुल्क वस्तु की भौतिक विशेषताओं (जैसे – वजन या आकार) पर नहीं, बल्कि उसके बाजार मूल्य पर आधारित होता है।
Ad Valorem Duty की मुख्य विशेषताएं:
- मूल्य के अनुपात में: शुल्क वस्तुओं के मूल्य पर आधारित होता है। यानी जितनी महंगी वस्तु, उतना ज्यादा शुल्क देना होता है।
- लचीलापन: बाजार मूल्य या महंगाई जैसे कारकों के अनुसार वस्तुओं का मूल्य बदलता रहता है, जिससे शुल्क की राशि अपने आप उसी के अनुपात में बदलती रहती है। इससे यह प्रणाली समय के साथ प्रासंगिक बनी रहती है।
- वैश्विक उपयोग (Global Use): यह शुल्क प्रणाली दुनियाभर में व्यापक रूप से अपनाई जाती है क्योंकि यह सरल, पारदर्शी और समझने में आसान है।