India’s First Private EO Satellite Constellation under PPP Model
India’s First Private EO Satellite Constellation under PPP Model –
संदर्भ:
IN-SPACe ने पिक्सलस्पेस इंडिया के नेतृत्व वाले समूह को भारत का पहला पूरी तरह स्वदेशी वाणिज्यिक पृथ्वी अवलोकन (EO) उपग्रह नक्षत्र डिजाइन, निर्माण और संचालन करने के लिए चुना है। यह परियोजना सार्वजनिक–निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत चलाई जाएगी।
भारत का पहला निजी पृथ्वी अवलोकन (EO) उपग्रह समूह–
- नेतृत्व एवं साझेदार: गूगल समर्थित पिक्सेलस्पेस (PixxelSpace) के नेतृत्व में गठित संघ, जिसमें पियरसाइट स्पेस (Piersight Space), सैटश्योर एनालिटिक्स इंडिया (Satsure Analytics India) और ध्रुवा स्पेस शामिल हैं।
- निवेश: अगले 5 वर्षों में ₹1,200 करोड़ से अधिक का निवेश।
- पैमाना: 12 EO उपग्रहों का समूह, जो पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन, निर्मित और संचालित किया जाएगा।
- परिनियोजन: अगले 4 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से।
- सेंसर: पंच्रोमैटिक, मल्टीस्पेक्ट्रल, हाइपरस्पेक्ट्रल और माइक्रोवेव सिंथेटिक अपर्चर राडार (SAR)।
प्रमुख उपयोग:
- जलवायु परिवर्तन की निगरानी
- आपदा प्रबंधन
- कृषि
- अवसंरचना एवं शहरी नियोजन
- समुद्री निगरानी, राष्ट्रीय सुरक्षा
उद्देश्य:
- राष्ट्रीय और वैश्विक उपयोग के लिए उच्च–रिज़ॉल्यूशन, स्वदेशी उपग्रह डेटा उपलब्ध कराना।
- प्रमुख क्षेत्रों में भारत की अंतरिक्ष–आधारित निगरानी क्षमताओं को सुदृढ़ करना।
- विदेशी EO डेटा पर निर्भरता कम करना और डेटा सुरक्षा व संप्रभुता सुनिश्चित करना।
पीपीपी (PPP) ढांचा:
- सरकार की भूमिका– रणनीतिक, तकनीकी और नीतिगत सहायता।
- संघ की भूमिका– EO प्रणाली का स्वामित्व और संचालन, उपग्रह निर्माण, भारतीय प्रक्षेपण, ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा सेवाओं का व्यावसायीकरण।
महत्व:
- भारतीय निजी अंतरिक्ष कंपनियोंकी बड़े पैमाने, उन्नत तकनीक और व्यावसायिक रूप से लाभकारी मिशन संचालित करने की क्षमता का प्रदर्शन।
- डेटा संप्रभुताको मजबूत करना – विदेशी इमेजरी पर निर्भरता कम करना और यह सुनिश्चित करना कि सभी उपग्रह भारत में निर्मित, भारतीय रॉकेट से प्रक्षेपित और भारत से नियंत्रित हों।
- हजारों उच्च–कौशल नौकरियोंका सृजन।
- भारत के अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था लक्ष्य को समर्थन –2022 में $8.4 बिलियन से 2033 तक $44 बिलियन तक विस्तार।
- राष्ट्रीय और वैश्विक बाजारों के लिएविश्लेषण–तैयार एवं मूल्यवर्धित EO डेटा की उपलब्धता।
भारत का निजी अंतरिक्ष उद्योग:
आर्थिक आकार: वर्तमान में भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था लगभग 8 अरब डॉलर की है, जिसे निजी क्षेत्र की मजबूत भागीदारी से 2040 तक 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने की संभावना है।
निजी क्षेत्र का उदय:
- अब तक200 से अधिक स्पेस स्टार्टअप उभर चुके हैं।
- उदाहरण:विक्रम–एस – मिशन प्रारंभ के तहत प्रक्षेपित भारत का पहला निजी रॉकेट।
उद्योग संगठन: इंडियन स्पेस एसोसिएशन (ISpA) जैसे संगठन सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाते हैं।


