whale
संदर्भ:
पिछले एक दशक में भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट (केरल, कर्नाटक, गोवा) पर व्हेल के फंसने की घटनाएं दस गुना बढ़ गई हैं।
व्हेल (whale):
परिचय:
- व्हेल समुद्री स्तनधारी हैं, जोसेटेशिया वर्ग में आती हैं।
- इनमें दो प्रमुख समूह होते हैं –बेलीन व्हेल (Mysticeti) और दाँत वाली व्हेल (Odontoceti)।
- ये हवा में सांस लेती हैं और गर्म रक्त वाली होती हैं।
- ब्लू व्हेलअब तक ज्ञात पृथ्वी पर सबसे बड़ा जीव है।
पारिस्थितिक भूमिका:
- महासागर के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान – एक बड़ी व्हेल अपने शरीर मेंटन CO₂ संग्रहित करके कार्बन सिंक का कार्य करती है।
- इनके पोषक तत्वों से भरपूर मल सेप्लवक (Plankton) की वृद्धि होती है, जो CO₂ को अवशोषित करते हैं और वातावरण में ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
- 13 व्हेल प्रजातियों में से 6 लुप्तप्रायया असुरक्षित श्रेणी में हैं।
खतरे:
- व्हेल के तट पर फंसने (Stranding)की घटनाएं 2003–2013 में प्रति वर्ष 3% से बढ़कर 2014–2023 में 3% हो गईं।
- 2023 में 9 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें अधिकतर अगस्त से नवंबर के बीच हुईं।
- कारण – जलवायु परिवर्तन, मत्स्य शिकार, ध्वनि प्रदूषण, जहाजों की टक्कर, आवास का क्षरण, और उथले तटीय क्षेत्र।
- ब्राइड्स व्हेल (Bryde’s whale)सबसे अधिक फंसने वाली प्रजाति है; कभी-कभी ब्लू व्हेल भी पाई जाती है।
- भारतीय जल में ब्राइड्स व्हेल केदो आनुवंशिक रूप (genetically distinct forms) पाए जाते हैं।
- समुद्र के बढ़ते तापमान और तेज तटीय धाराएं भी इस समस्या को बढ़ा रही हैं।

