Rabies
संदर्भ:
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि कुत्तों के काटने से बढ़ते रेबीज मौतों को देखते हुए आवारा कुत्तों को स्थायी रूप से पकड़कर बंद किया जाए।
रेबीज़ (Rabies)
परिचय: रेबीज़ एक घातक ज़ूनोटिक वायरल रोग है, जो रेबीज़ वायरस (RABV) से होता है।
- यह मुख्य रूप सेजानवरों के काटने या खरोंचने से फैलता है।
- एक बारक्लिनिकल लक्षण प्रकट होने के बाद, यह लगभग हमेशा घातक होता है, इसलिए रोकथाम अत्यंत आवश्यक है।
कारण और संचरण:
- यह रोगकुत्तों, बिल्लियों, पशुधन, चमगादड़ों, रैकून, स्कंक और लोमड़ियों जैसे स्तनधारियों को संक्रमित करता है।
- WHO के अनुसार, 99% मानव रेबीज़ मामलोंका कारण कुत्तों के काटने या खरोंचने से होता है।
- संक्रमित जानवर कीलार का खुले घाव या श्लेष्मा झिल्ली से संपर्क होने पर संक्रमण फैलता है।
- बिना इलाज के, यह रोगकोमा और मृत्यु का कारण बनता है।
टीकाकरण और रोकथाम:
- लक्षण प्रकट होने से पहलेWHO-स्वीकृत कोई निदान उपकरण उपलब्ध नहीं है।
- टीकों के प्रकार:
- प्रि–एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PrEP): उच्च जोखिम वाले पेशों और यात्रियों के लिए।
- पोस्ट–एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PEP): संभावित संपर्क के बाद, वायरस कोतंत्रिका तंत्र में प्रवेश करने से रोकता है।
- WHO द्वारा मान्यता प्राप्त टीके:
- RABIVAX-S(सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया)
- VaxiRab N(ज़ाइडस लाइफसाइंसेज़)
- VERORAB(सनोफी पाश्चर)
- तुरंतघाव को साबुन और पानी से धोना और समय पर टीकाकरण करना आवश्यक है।