Public Trust Amendment of Provisions Bill 2025
संदर्भ:
लोकसभा में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य विभिन्न कानूनों में सुधार कर अनुपालन प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और व्यवसाय के लिए अनुकूल बनाना है।
जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 (Public Trust Amendment of Provisions Bill 2025)
- यह विधेयक जन विश्वास अधिनियम, 2023 पर आधारित है।
- 2023 का अधिनियम (अगस्त 2023 में अधिसूचित) छोटे अपराधों को अपराधमुक्त (Decriminalise) करने वाला पहला समेकित कानून था।
- इसमें 19 मंत्रालयों/विभागों के तहत 42 केंद्रीय अधिनियमों की 183 धाराओं को अपराधमुक्त किया गया था।
2025 विधेयक की मुख्य विशेषताएँ
- लक्ष्यबद्ध प्रावधान– 10 मंत्रालयों के तहत 16 केंद्रीय अधिनियमों की 355 धाराओं को शामिल किया गया है।
- इनमें से288 धाराओं को अपराधमुक्त करने का प्रस्ताव है।
- 67 धाराओंका उद्देश्य “Ease of Living” को बढ़ावा देना है।
- प्रमुख संशोधन– नई दिल्ली नगर परिषद अधिनियम, 1994 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में बदलाव कर नागरिकों के लिए अनुपालन आसान बनाया जाएगा।
- छोटे, तकनीकी और प्रक्रियात्मक अपराधों कोजुर्माना या चेतावनी से बदला जाएगा, खासकर पहली बार उल्लंघन करने वालों के लिए (76 अपराधों पर लागू)।
- बार–बार अपराध पर क्रमिक दंड (Graduated Penalties)का प्रावधान होगा।
- नामित अधिकारी (Designated Officers)प्रशासनिक स्तर पर दंड लगा सकेंगे, जिससे न्यायालय का बोझ कम होगा।
- दंड प्रावधान– हर तीन वर्ष में स्वतः 10% वृद्धि का नियम लागू होगा ताकि बार-बार विधायी संशोधन की ज़रूरत न पड़े।
- दंड अनुपातिक और न्यायसंगत बनाए गए हैं।
- पहले से कवर कानूनों में और सुधार– मोटर वाहन अधिनियम, चाय अधिनियम, और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम जैसे कानूनों में और अधिक अपराधमुक्तिकरण का सुझाव दिया गया है।