ISA
संदर्भ:
इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) 2025 के अंत तक ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर भारत में स्थापित करेगा और दुनिया भर में 17 उत्कृष्टता केंद्र (Centres of Excellence) बनाएगा। इन केंद्रों का उद्देश्य भारत को “सोलर का सिलिकॉन वैली“ बनाने का है, जहां प्रशिक्षण, परीक्षण और स्टार्टअप्स को समर्थन दिया जाएगा। भविष्य में इन केंद्रों की संख्या 50 तक बढ़ाने की संभावना भी है।
इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA):
परिचय:
- यह एकवैश्विक पहल है, जिसे भारत और फ्रांस ने 2015 में COP21, पेरिस में लॉन्च किया।
- वर्तमान में इसमें123 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देश शामिल हैं।
- मुख्यालय:गुरुग्राम, भारत।
उद्देश्य:
- वैश्विक स्तर परसौर ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देना, विशेषकर कम विकसित देश (LDCs) और छोटे द्वीप विकासशील राज्य (SIDS) में।
- सौर प्रौद्योगिकी और वित्तीय लागत कम करना।
- कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन और ऊर्जाजैसे विभिन्न क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना।
- सौर अनुकूल नीतियाँ, मानकीकरण, निवेश जुटाना और प्रशिक्षणको बढ़ावा देना।
भारत की स्थिति:
- जुलाई 2025 तक भारत ने119 GW सौर क्षमता स्थापित की है।
महत्व:
- ISA का उद्देश्यसाफ़, किफायती और टिकाऊ ऊर्जा उपलब्ध कराना और सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करना है।