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त्वचा कैंसर ऑस्ट्रेलिया में ज़्यादा क्यों (Why is skin cancer more common in Australia) | UPSC

Why is skin cancer more common in Australia

Why is skin cancer more common in Australia

संदर्भ:

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट कप्तान माइकल क्लार्क त्वचा कैंसर से जूझ रहे हैं। 44 वर्षीय क्लार्क ने हाल ही में नाक से कैंसर का घाव हटवाने के लिए सर्जरी करवाई और सोशल मीडिया पर लोगों को समय रहते जांच कराने की सलाह दी। ऑस्ट्रेलिया में त्वचा कैंसर के मामले दुनिया में सबसे ज्यादा हैं, जिससे जागरूकता बेहद जरूरी है।

ऑस्ट्रेलिया में त्वचा कैंसर: एक गंभीर स्वास्थ्य संकट

ऑस्ट्रेलिया दुनिया में त्वचा कैंसर की सबसे ऊँची दर वाला देश है। हर साल यहाँ लगभग 2,000 लोगों की मौत होती है और करीब 7,50,000 लोगों का निदान और उपचार किया जाता है। अनुमान है कि हर तीन में से दो ऑस्ट्रेलियाई अपने जीवनकाल में किसी न किसी रूप में त्वचा कैंसर का सामना करेंगे।

क्यों ऑस्ट्रेलिया है सबसे बड़ा हॉटस्पॉट?

  • भौगोलिक स्थिति: ऑस्ट्रेलिया भूमध्य रेखा के काफी करीब है, जिससे सूर्य की अत्यधिक पराबैंगनी किरणें (UVR) त्वचा को नुकसान पहुँचाती हैं।
  • जनसांख्यिकी कारण: देश में गोरी त्वचा वाले यूरोपीय मूल के लोग अधिक हैं। गोरी त्वचा UV किरणों से आसानी से जलती है और DNA को नुकसान पहुँचाती है।
  • जीवनशैली और संस्कृति: धूप और समुद्र तट केंद्रित जीवनशैली, आउटडोर गतिविधियां और खेलों के चलते लोग लंबे समय तक सीधी धूप में रहते हैं।

इस वजह से ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में दुनिया के सबसे अधिक त्वचा कैंसर के मामले दर्ज किए जाते हैं।

त्वचा कैंसर (Skin Cancer) –

त्वचा कैंसर वह स्थिति है जिसमें त्वचा की असामान्य कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, जिससे कैंसरयुक्त ट्यूमर (malignant tumors) बनते हैं जो आसपास की ऊतक में घुस सकते हैं या शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं।

सबसे आम प्रकार हैं:

  • बेसल सेल कार्सिनोमा (BCC): बेसल कोशिकाओं से उत्पन्न।
  • स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (SCC): स्क्वैमस कोशिकाओं से उत्पन्न।
  • मेलानोमा: मेलानोसायट्स से उत्पन्न, कम आम लेकिन अधिक आक्रामक।

मुख्य कारण:

  • UV विकिरण (UV Radiation): सूर्य की पराबैंगनी किरणें, टैनिंग बेड्स और सनलैम्प से उत्पन्न UV किरणें त्वचा की डीएनए को नुकसान पहुँचाती हैं।
  • आनुवंशिक कारण (Genetic Factors): कुछ जीन उत्परिवर्तन भी त्वचा कैंसर के विकास में योगदान देते हैं।

त्वचा कैंसर के प्रकार:

बेसल सेल कार्सिनोमा (BCC)

  • सबसे आम प्रकार।
  • धीरे बढ़ता है, लेकिन इलाज न होने पर आसपास की ऊतक को नुकसान पहुँचा सकता है।

स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (SCC)

  • आम प्रकार।
  • त्वचा की सतह पर स्थित स्क्वैमस कोशिकाओं से उत्पन्न।

मेलानोमा (Melanoma)

  • कम आम, पर अधिक तेज़ी से बढ़ता और फैलता है।
  • अन्य प्रकारों की तुलना में अधिक खतरनाक।

लक्षण (Symptoms)

  • नया तिल या किसी पुराने तिल का आकार, रंग या रूप बदलना।
  • त्वचा पर नया ग्रोथ (growth)।
  • चमकदार, लाल या त्वचा के रंग का धब्बा; सूखी, खुरदरी या परतदार त्वचा।
  • खुजली या रक्तस्राव वाला धब्बा।

निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment)

निदान:

  • किसी भी संदिग्ध त्वचा परिवर्तन पर डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
  • त्वचा बायोप्सी: ऊतक का छोटा नमूना निकालकर माइक्रोस्कोप के तहत जांच।

उपचार:

  • प्रकार, स्थिति और कैंसर के चरण पर निर्भर।
  • विकल्प: शल्य चिकित्सा, रेडिएशन थेरेपी, टॉपिकल ट्रीटमेंट, सिस्टमिक दवाएँ, फोटोडायनामिक थेरेपी।

रोकथाम (Prevention)

  • सूर्य संरक्षण: सीधे सूर्य में समय कम बिताएँ, सनस्क्रीन का प्रयोग करें।
  • नियमित जांच: त्वचा पर नए या बदलते धब्बों की नियमित जाँच करें।

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