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कपास आयात शुल्क छूट 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई गई (Cotton Import Duty Exemption Extended till 31st December 2025) | UPSC

Cotton Import Duty Exemption Extended till 31st December 2025

Cotton Import Duty Exemption Extended till 31st December 2025

संदर्भ:

भारत सरकार ने कपड़ा निर्यात पर अमेरिकी 50% टैरिफ के असर को कम करने के लिए ड्यूटी-फ्री कपास आयात नीति को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया है।

भारत का टेक्सटाइल सेक्टर को बढ़ावा देने का निर्णय मुख्य कारण:

  1. कपास की उपलब्धता और कीमतों में उतारचढ़ाव:
    • घरेलू और वैश्विक स्तर पर कपास की कीमतों और उपलब्धता में बदलाव से निर्माता और निर्यातक प्रभावित होते हैं।
    • आयात शुल्क छूट के विस्तार से आयातित कपास सस्ती और आसानी से उपलब्ध होगी।
  2. उत्पादकों पर वित्तीय बोझ कम करना:
    • आयात शुल्क हटाकर सरकार यह सुनिश्चित करती है कि टेक्सटाइल मिलें और निर्माता गुणवत्ता वाली कपास प्रतिस्पर्धी दरों पर ले सकें।
    • यह विशेष रूप से उन वर्षों में मददगार है जब घरेलू उत्पादन मौसम या वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण प्रभावित हो।
  3. MSMEs और निर्यातकों का समर्थन:
    • छूट का लाभ बड़े उद्योगों के साथ-साथ माइक्रो, स्माल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) को भी मिलेगा।
    • वैश्विक मांग बढ़ने के कारण कच्चे कपास तक निरंतर पहुंच इन व्यवसायों को समय पर डिलीवरी, अनुबंध पूरा करने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद करेगी।
  4. भारत की विश्वसनीयता बनाए रखना:
    • यह नीति भारत की व्यापारिक साझेदारों और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।
    • भारत वैश्विक टेक्सटाइल आपूर्ति श्रृंखला में भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता बना रहता है।
  5. आजादी का अमृत महोत्सव और आत्मनिर्भर भारत:
    • यह निर्णय सरकार की सक्रिय और उत्तरदायी नीति का प्रतीक है।
    • उद्योगों की वास्तविक समय की चुनौतियों का समाधान कर, यह आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) की दिशा में कदम बढ़ाता है।
    • नीति उत्पादकों का समर्थन करती है, निर्यात को बढ़ावा देती है और रोजगार सुरक्षित करती है।

भारत में कपास उत्पादन:

  1. कपास का महत्व:
    • कपास टेक्सटाइल उद्योग की मुख्य कच्ची सामग्री है।
    • भारत में लगभग 60 लाख किसान कपास की खेती करते हैं।
  2. आयात शुल्क का ऐतिहासिक पहल:
    • 2021 के बजट में 11% कपास आयात शुल्क लागू किया गया, जब भारत में उत्पादन अधिशेष था (350 लाख बॉल्स बनाम आवश्यकता 335 लाख बॉल्स)।
    • इसका उद्देश्य कपास उगाने वाले किसानों के हित की रक्षा करना था।
  3. वर्तमान उत्पादन में गिरावट:
    • घरेलू उत्पादन घटकर 294 लाख बॉल्स हो गया है, जो पिछले 15 वर्षों में सबसे कम है।
    • आवश्यकता 318 लाख बॉल्स है।
  4. आयात में वृद्धि:
    • वित्तीय वर्ष 2025 में कपास आयात 107% बढ़कर $1.2 बिलियन हो गया (FY 2024 में $579 मिलियन)।
    • 2024-25 की मौजूदा सीज़न में अनुमानित आयात लगभग 40 लाख बॉल्स रहेगा, मुख्य आपूर्तिकर्ता ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्राजील और मिस्र हैं।
  5. कपास निर्यात का योगदान:
    • कपास आधारित टेक्सटाइल निर्यात 2024-25 में भारत के कुल टेक्सटाइल और परिधान निर्यात का लगभग 33% है।
    • यह रेडीमेड गारमेंट्स के बाद दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है।

कपास पर आयात शुल्क छूट:

  1. नीति विस्तार:भारत सरकार ने कपास आयात पर शून्य शुल्क नीति को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया है।
  2. उद्देश्य:
    • अमेरिकी 50% टैरिफ के प्रभाव को कम करना।
    • टेक्सटाइल वैल्यू चेन में इनपुट लागत घटाना।
    • वैश्विक बाजार में भारतीय टेक्सटाइल की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना।

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