India–Singapore 2025 Summit
संदर्भ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ व्यापक और सार्थक वार्ता की।
सम्मेलन के प्रमुख परिणाम:
समुद्री सुरक्षा और मलक्का जलडमरूमध्य गश्त:
- भारत ने मलक्का जलडमरूमध्य की गश्त में रुचि व्यक्त की, जो हिंद महासागर और प्रशांत महासागर को जोड़ने वाला रणनीतिक मार्ग है।
- पनडुब्बी बचाव अभियानों में सहयोग और इंडो-पैसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव (IPOI) के समर्थन पर सहमति।
रक्षा और उभरती प्रौद्योगिकियाँ:
- क्वांटम कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ऑटोमेशन और मानव रहित पोतों जैसी तकनीकों पर संयुक्त अनुसंधान और सहयोग।
आर्थिक और बुनियादी ढांचा सहयोग:
- भारत से सिंगापुर को समर्पित बंदरगाहों के माध्यम से ग्रीन एनर्जी निर्यात करने का समझौता।
- अंतरिक्ष अनुसंधान और उसके अनुप्रयोगों में सहयोग को बढ़ावा।
- सेमीकंडक्टर पर भारत–सिंगापुर नीति संवाद की स्थापना।
स्किलिंग और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग: चेन्नई में नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्किलिंग इन एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग स्थापित करने का समझौता।
आतंकवाद विरोधी और सुरक्षा सहयोग:
- दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तरों पर सहयोग को दोहराया।
- वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) में साझेदारी के तहत सीमा-पार आतंकवाद से निपटने पर जोर।
मलक्का जलडमरूमध्य क्या है?
मलक्का और सिंगापुर जलडमरूमध्य (SOMS) वैश्विक व्यापार में महत्वपूर्ण और रणनीतिक मार्ग हैं। लगभग विश्व के आधे समुद्री व्यापार और एशिया के 70% तेल आयात इन जलमार्गों से होकर गुजरते हैं।
इनकी महत्वता के कारण, जलडमरूमध्य की सुरक्षा केवल किसी एक देश की क्षमता में संभव नहीं है। इसे सुरक्षित रखने के लिए तटीय देशों, उपयोगकर्ता देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच संयुक्त प्रयास और सहयोग की आवश्यकता होती है, ताकि सभी वैध उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
मलक्का जलडमरूमध्य गश्त क्या है?
मलक्का स्ट्रेट्स पेट्रोल (MSP) एक समन्वित और व्यावहारिक सुरक्षा पहल है, जिसे इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड ने मलक्का और सिंगापुर जलडमरूमध्य (SOMS) की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू किया है।
इसमें तीन मुख्य घटक शामिल हैं:
- Malacca Straits Sea Patrol (MSSP)– समुद्री गश्त द्वारा जलमार्ग की निगरानी।
- “Eyes-in-the-Sky” (EiS) Combined Maritime Air Patrols– हवाई गश्त के जरिए सुरक्षा बढ़ाना।
- Intelligence Exchange Group (IEG)– खुफिया जानकारी का साझा करना और सहयोग।
मलक्का जलडमरूमध्य का रणनीतिक महत्व:
- वैश्विक व्यापार मार्ग: लगभग40% भारत का व्यापार और चीन के 80% तेल आयात इसी जलमार्ग से गुजरते हैं।
- ऊर्जा सुरक्षा: मध्य पूर्व से पूर्वी एशिया तकतेल और गैस का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करता है।
- भू–रणनीतिक लाभ: भारत काअंडमान और निकोबार कमांड इस रणनीतिक गटक पाइंट के निकट होने के कारण इंडो-पैसिफिक समुद्री सुरक्षा में भारत की भूमिका को मजबूत करता है।
भारत–सिंगापुर संबंधों के बारे में–
ऐतिहासिक कनेक्शन:
- सर स्टैमफोर्ड रैफल्स ने 1819 में सिंगापुर को व्यापारिक स्टेशन के रूप में स्थापित किया था, जिसे कोलकाता से प्रशासित किया जाता था।
- भारत 1965 में सिंगापुर को मान्यता देने वाले पहले देशों में शामिल था।
व्यापार और आर्थिक सहयोग:
- सिंगापुर, ASEAN में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदारहै और 2023-24 में यह भारत का 6वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया।
- Comprehensive Economic Cooperation Agreement (CECA)के बाद द्विपक्षीय व्यापार 6 अरब अमेरिकी डॉलर (2023-24) तक बढ़ा।
- भारत इस व्यापार मेंनेट इम्पोर्टर है।
- कर और निवेश समझौते
- भारत ने 2016 में सिंगापुर के साथDirect Tax Avoidance Agreement (DTAA) पर हस्ताक्षर किए, ताकि कर चोरी को रोका जा सके।