China urges US Japan to withdraw Typhon missile system
संदर्भ:
चीन ने अमेरिका से जापान में तैनात किए गए मिड-रेंज टाइफॉन मिसाइल सिस्टम को तुरंत हटाने की मांग की। बीजिंग का कहना है कि यह कदम एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सामरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है, साथ ही इससे हथियारों की दौड़ और सैन्य टकराव की आशंका और तेज हो जाएगी।
टायफून फायर सिस्टम के बारे मे–
टायफून, जिसे आधिकारिक रूप से स्ट्रैटेजिक मिड-रेंज फायर सिस्टम (SMRF) कहा जाता है, एक यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी का ट्रांसपॉर्टर-इरेक्टर-लॉन्चर है जो स्टैंडर्ड SM-6 तथा टोमहॉक क्रूज़ मिसाइलों का संचालन कर सकता है।
- हर इकाई में मार्क-41 वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम के समकक्ष चार स्ट्राइक-लेंथ सेल होते हैं, जिन्हें 40-फुट (12 मीटर) आईएसओ कंटेनर के आयाम में फिट किया गया है। इस प्रणाली को आरम्भ में मिड-रेंज कैपेबिलिटीज सिस्टम (MCS) कहा जाता था, बाद में इसका नाम बदलकर SMRF रखा गया और व्यावसायिक नाम “टायफून” दिया गया।
- यह मोबाइल, सतह-से-सतह मारक क्षमता वाली प्रणाली है जिसे लॉकहीड मार्टिन (यूएस) ने विकसित किया। टायफून का डिजाइन मॉड्यूलर है और यह विभिन्न प्रकार की मिसाइलों को चलाने में सक्षम है- उदाहरण के लिए SM-6 जिसका अनुमानित प्रभावी दायरा लगभग 500 किमी है, तथा टोमहॉक क्रूज़ मिसाइल जिसका रेंज करीब 2,500 किमी तक बताया जाता है।
- SM-6 मुख्यतः वायु तथा सतह लक्ष्यों के खिलाफ उपयोगी है।
- जबकि टोमहॉक भू-हल्ला और कुछ एंटी-शिप भूमिकाओं में प्रभावी रहता है
टायफून की क्षमताएँ और संभावित असर:
- मजबूत निवारक क्षमता: टॉमहॉक मिसाइलों की 1,500 किलोमीटर से अधिक की रेंज के साथ टायफून, दक्षिण चीन सागर में संभावित समुद्री खतरों के खिलाफ फिलीपींस की रोकथाम क्षमता को मज़बूती देता है।
- सटीक प्रहार की संभावना: लगभग 240 किलोमीटर की रेंज वाली SM-6 मिसाइलें वायु-रक्षा की अतिरिक्त परत उपलब्ध कराती हैं, जिससे हवाई ख़तरों से सुरक्षा मिलती है।
बदलते रक्षा समीकरण: अमेरिकी मूल की इस प्रणाली की तैनाती से संकेत मिलता है कि फिलीपींस अपने रक्षा साझेदारी को विविध बना सकता है। इससे उसे न केवल उन्नत हथियार प्रणालियों तक पहुँच मिलेगी, बल्कि रक्षा वार्ताओं में अतिरिक्त leverage भी हासिल होगा।
टाइफून सिस्टम की मार चीन, ताइवान और कोरिया तक:
जापान के इवाकुनी में तैनात टाइफून मिसाइल सिस्टम टोमहॉक मिसाइलों के ज़रिए चीन के उत्तरी, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी तटों को निशाना बना सकता है। इसकी रेंज में आधा ताइवान, पूरा कोरियाई प्रायद्वीप और रूस के सुदूर पूर्वी हिस्से भी आते हैं।
जापान में पहली बार टाइफून मिसाइल सिस्टम की तैनाती:
जापान में पहली बार टाइफून मिसाइल सिस्टम की तैनाती की गई है।
- रेजोल्यूट ड्रैगन अभ्यास के बाद टाइफून जापान से वापस ले जाया जाएगा। हालांकि, अधिकारियों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि यह यूनिट आगे कहाँ जाएगी या दोबारा जापान लौटेगी या नहीं।
फिलीपींस में पहली विदेशी तैनाती पर भी चीन का विरोध: अप्रैल 2024 में संयुक्त अमेरिका-फिलीपींस अभ्यास के दौरान पहली बार टाइफॉन मिसाइल प्रणाली फिलीपींस लाई गई थी। यही इसकी पहली विदेशी तैनाती मानी जाती है।
निष्कर्ष: जापान में टायफून मिसाइल सिस्टम की तैनाती ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा बहस को और तेज़ कर दिया है। यह कदम जहां अमेरिका-जापान गठबंधन की सैन्य तत्परता और शक्ति का संकेत है, वहीं चीन के लिए यह सीधा चुनौतीपूर्ण संदेश बनकर उभरा है।