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CAG ऑडिटिंग और दक्षता के लिए एआई प्रणाली शुरू करेगा (CAG to launch AI system for auditing and efficiency) | UPSC

CAG to launch AI system for auditing and efficiency

CAG to launch AI system for auditing and efficiency

संदर्भ:

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अपना खुद का Large Language Model (LLM) विकसित कर रहा है। यह मॉडल ऑडिटरों को दशकों से संचित संस्थागत ज्ञान तक पहुँच प्रदान करेगा। इसके जरिए ऑडिट विश्लेषण में दक्षता और एकरूपता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

CAG का नया एआई सिस्टम:

यह सिस्टम का पहला वर्ज़न नवंबर 2025 तक तैयार होने की उम्मीद है। इसमें पिछले निरीक्षण (inspection) रिपोर्ट्स को शामिल किया जाएगा, ताकि इसे प्रशिक्षित (trained) किया जा सके।

सिस्टम की क्षमताएँ:

  • बड़े डेटा सेट (large datasets) का विश्लेषण करना।
  • रिपोर्ट और दस्तावेज़ तैयार करना।
  • पैटर्न और जोखिम (patterns & risks) को अधिक सटीकता से पहचानना।
  • ऑडिटर्स को विस्तृत और सटीक रिपोर्ट तैयार करने में मदद करना।

डिजिटलीकरण का योगदान:

  • केंद्र और राज्यों में व्यापक डिजिटलीकरण से अधिकांश सरकारी एजेंसियों और विभागों का रिमोट या हाइब्रिड ऑडिट संभव होगा।
  • इस बदलाव को risk-based planning, सुरक्षित एक्सेस (secure access) और geospatial tools (जैसे PM GatiShakti) से मज़बूती मिलेगी।
  • इससे सबूतों (evidence) और विश्लेषण (analysis) में अधिक एकरूपता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।

पूर्व पहल (Prior Initiatives):

  • Remote Audit Pilots: GST ऑडिट और तेलंगाना के Stamps & Registration Department में रिमोट कंप्लायंस ऑडिट।
  • Hybrid Audit Demo: हरियाणा PWD में PAG (Audit) द्वारा हाइब्रिड ऑडिट प्रदर्शन।
  • Paperless Certification: पश्चिम बंगाल का Virtual Audit System, AuditOnline से जुड़ा।
  • CAG-Connect Portal: लगभग 10 लाख संस्थाओं को एकीकृत डिजिटल इंटरफ़ेस उपलब्ध कराया गया।

Large Language Models (LLMs)

Large Language Model (LLM) एक प्रकार का Artificial Intelligence (AI) एल्गोरिद्म है, जो deep learning techniques और बहुत बड़े data sets का उपयोग करके टेक्स्ट को समझने, सारांश बनाने, नया कंटेंट जनरेट करने और भविष्यवाणी करने में सक्षम होता है।

मुख्य विशेषताएँ (Key Features):

  1. Deep Learning का उपयोग: LLMs असंरचित डेटा का प्रायिक विश्लेषण करते हैं, जिससे वे विभिन्न प्रकार की सामग्री में अंतर समझ पाते हैं।
  2. मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं: ये मॉडल बिना सीधे मानवीय हस्तक्षेप के कंटेंट को वर्गीकृत और पहचान सकते हैं।
  3. भाषाई समझ: यह समझने में सक्षम हैं कि अक्षर , शब्द और वाक्य आपस में कैसे काम करते हैं।

एआई और एलएलएम आधारित ऑडिट में चुनौतियाँ

  • डिजिटल परिपक्वता में असमानता: कई विभागों और स्थानीय निकायों के पास मानकीकृत और उच्च गुणवत्ता वाला डेटा उपलब्ध नहीं है, जिससे एआई-आधारित ऑडिट की प्रभावशीलता प्रभावित होती है।
  • डेटा सुरक्षा और गोपनीयता जोखिम: वित्तीय और व्यक्तिगत डेटा को संभालने से साइबर सुरक्षा खतरों और कानूनी विवादों की संभावना बढ़ जाती है।
  • एआई की विश्वसनीयता और पारदर्शिता की कमी: LLMs कई बार गलत या भ्रामक परिणाम उत्पन्न करतेहैं और इनके निर्णय लेने की प्रक्रिया स्पष्ट नहीं होती।
  • संस्थागत और कानूनी बाधाएँ: सरकारी डेटाबेस तक पहुँच के नियम अलग-अलग राज्यों में भिन्न होते हैं, जिससे एकीकृत और सुचारु एआई प्रणाली लागू करना कठिन हो जाता है।

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