Chhannulal Mishra
संदर्भ:
पंडित छन्नूलाल मिश्र (1936–2025) बनारस घराने के प्रख्यात हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक थे, जो शास्त्रीय, अर्ध-शास्त्रीय और भक्ति संगीत में अपनी अद्वितीय पकड़ के लिए प्रसिद्ध थे। उनका निधन 2 अक्टूबर 2025 को 89 वर्ष की आयु में हुआ।
पंडित छन्नूलाल मिश्र का संगीत करियर:
संगीत प्रशिक्षण और प्रभाव:
- जन्म हरिहरपुर, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश में।
- प्रारंभिक प्रशिक्षण अपने पिता पंडित बद्री प्रसाद मिश्रा से।
- आगे प्रशिक्षण उस्ताद अब्दुल गनी खान (किराना घराना) और संगीतज्ञ ठाकुर जयदेव सिंह से।
- इन गुरुओं ने उन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहरी समझ दी।
शैली और महारत:
- खयाल परंपरा में निपुण, पुरब अंग ठुमरीमें विशेष ख्याति।
- ठुमरी के साथलोकधुनों (दादरा, छठी, कजरी) और भजनों में भी उत्कृष्ट।
- संगीत कीभावनात्मक गहराई और जनता से जुड़ने की क्षमता।
- वाराणसी घराने कीआध्यात्मिक आवाज के रूप में प्रसिद्ध।
- शास्त्रीय संगीत को नई पीढ़ियों के लिए सुलभ बनाया।
प्रमुख कृतियाँ:
- सुनदरकांड (चार खंड)में भक्ति गायन।
- राम रागएल्बम – “राजा राम” शब्द पर आधारित घंटे लंबा गीत।
- फ़िल्मआराक्षण (2011) में भी उनकी मधुर आवाज़।
पुरस्कार और सम्मान:
- पद्म विभूषण (2020)– भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान।
- पद्म भूषण (2010)– भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान।
- संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप– सर्वोच्च संगीत सम्मान।
- अन्य: उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, नौशाद पुरस्कार, यश भारती पुरस्कार आदि।