Sabarimala Temple
संदर्भ:
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने केरल के सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा-अर्चना की। वह इस मंदिर में दर्शन करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति बनी हैं।
- इससे पहले केवल पूर्व राष्ट्रपति वी.वी. गिरि (1970 के दशक) ने यहां दर्शन किए थे- वे डोली में सवार होकर मंदिर तक पहुँचे थे।
सबरीमाला मंदिर के बारे में:
- स्थान: पथानमथिट्टा ज़िला, केरल
- ऊँचाई: समुद्र तल से 1260 मीटर
- स्थित: 18 पहाड़ियों के बीच, पेरियार टाइगर रिज़र्व के घने जंगलों के भीतर
- देवता: भगवान अयप्पन (धर्मशास्ता) — जो एक ब्रह्मचारी (celibate) देवता हैं।
- प्रसिद्ध: अपने सख्त धार्मिक अनुशासन और वार्षिक तीर्थयात्रा परंपरा के लिए।
सबरीमाला तीर्थयात्रा:
खुलने के अवसर:
- मंडलपूजा (15 नवंबर – 26 दिसंबर)
- मकरविलक्कु / मकर संक्रांति (14 जनवरी)
- महातिरुविल संक्रांति (14 अप्रैल)
- प्रत्येक मलयालम महीने के पहले पाँच दिन
विशेषता:
- भक्त “व्रतम” का पालन करते हैं- 41 दिन का संयम काल, जिसमें मांस, शराब और क्रोध से दूर रहना अनिवार्य होता है।
- इस अवधि में भक्त रुद्राक्ष या तुलसी की माला धारण करते हैं।
- हर श्रद्धालु को “इरुमुडिकट्टू” लेकर आना आवश्यक है — बिना इसके 18 पवित्र सीढ़ियाँ नहीं चढ़ी जा सकतीं।
- तीर्थ परंपरा में एक विशिष्ट पहल यह भी है कि भक्त वावर मस्जिद (अयप्पा के मुस्लिम भक्त वावर) में भी प्रार्थना करते हैं।
मंदिर वास्तुकला:
- 1950 में आगजनी के बाद मंदिर को फिर से बनाया गया।
- मूर्ति को पंचधातु (Panchaloha) से पुनः निर्मित किया गया।
- गर्भगृह में स्वर्ण मढ़ित छत और चार सुनहरे कलश हैं।
- प्रमुख प्रवेश द्वार: 18 पवित्र सीढ़ियाँ (Pathinettu Thiruppadi) जो मंदिर की धार्मिक पहचान हैं।

