PM–ABHIM

संदर्भ:
भारत ने अपने स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 25 अक्टूबर 2021 को शुरू किए गए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) के माध्यम से देश में एक सुदृढ़, सुलभ और आत्मनिर्भर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।
- वित्त वर्ष 2022 से 2026 तक ₹64,180 करोड़ (US$ 7.31 बिलियन) के निवेश के साथ, यह मिशन प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बना रहा है।
- इसके तहत देशभर में 9,519 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAMs), 5,456 शहरी AAMs, 2,151 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट्स (BPHUs), 744 एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएँ (IPHLs) और 621 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक्स (CCBs) की स्थापना व उन्नयन किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री – आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM–ABHIM):
- शुरुआत: 2021
- प्रकार: केंद्रीय प्रायोजित योजना (Centrally Sponsored Scheme – CSS), जिसमें कुछ केंद्रीय क्षेत्र (Central Sector – CS) घटक भी शामिल हैं।
मंत्रालय: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
मुख्य उद्देश्य (Objective): ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक एक मजबूत, समावेशी और तकनीकी–सक्षम सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करना।
नीतिगत संबंध (Policy Alignment):
यह योजना निम्नलिखित नीतियों पर आधारित है —
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (2017)
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (2005)
- आयुष्मान भारत (2018)
मुख्य घटक (Core Components):
- आयुष्मान आरोग्य मंदिर: उप-स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उन्नत कर व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा (comprehensive primary care) प्रदान करना।
- ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयाँ: ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य प्रशासन और सेवा वितरण (health administration and service delivery) को सुदृढ़ करना।
- एकीकृत जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएँ: प्रत्येक जिले में एक प्रयोगशाला स्थापित करना, जिससे जांच और निगरानी क्षमता (diagnostic and surveillance capacity) में वृद्धि हो।
- क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक: पाँच लाख से अधिक जनसंख्या वाले जिलों में तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए स्थापित किए जा रहे हैं।
- शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्र: झुग्गी और वंचित शहरी क्षेत्रों (slum and underserved areas) में नए AAMs स्थापित करना।
- महामारी तैयारी: एक रीयल-टाइम आईटी-सक्षम रोग निगरानी नेटवर्क (real-time IT-enabled disease surveillance network) तैयार करना, जो ब्लॉक, जिला, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं को जोड़ता है ताकि महामारी की शीघ्र पहचान और प्रतिक्रिया (early outbreak detection and response) की जा सके।
- अनुसंधान और नवाचार: वन हेल्थ अप्रोच (One Health Approach) को बढ़ावा देना, जो मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य (human, animal & environmental health) से जुड़े चुनौतियों को एकीकृत रूप से संबोधित करता है।

