22nd ASEAN-India Summit
संदर्भ:
कुआलालंपुर में आयोजित 22वें आसियान–भारत शिखर सम्मेलन में भारत ने वर्ष 2026 को “आसियान–भारत समुद्री सहयोग वर्ष“ घोषित किया। इस सम्मेलन में व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership – CSP) के तहत आसियान–भारत कार्य योजना (2026–2030) को भी अपनाया गया, जिससे भारत और आसियान देशों के बीच सहयोग का नया अध्याय शुरू हुआ।
भारत–आसियान शिखर सम्मेलन की प्रमुख बातें:
- संबंधों की समीक्षा:
- भारत और आसियान देशों के बीच संबंधों की प्रगति की समीक्षा की गई।
- व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए नई पहलों पर चर्चा हुई।
- प्रधानमंत्री की भागीदारी: यह प्रधानमंत्री मोदी कीभारत–आसियान शिखर सम्मेलन में 12वीं भागीदारीथी।
- व्यापार और आर्थिक सहयोग: शिखर सम्मेलन मेंआसियान–भारत मुक्त व्यापार समझौते (AITIGA) की शीघ्र समीक्षा करने की अपील की गई ताकि यह अधिक संतुलित और लाभदायक बने।
- शिखर सम्मेलन की थीम: मलेशियाई अध्यक्षता की थीम थी —“समावेशिता और स्थिरता” (Inclusivity and Sustainability)
- प्रमुख घोषणाएँ और पहलें
- आसियान–भारत कार्य योजना (2026–2030) को लागू करने की घोषणा।
- सतत पर्यटन पर संयुक्त नेताओं के वक्तव्य को अपनाया गया।
- वर्ष 2026 को “आसियान–भारत समुद्री सहयोग वर्ष” (Year of Maritime Cooperation) घोषित किया गया।
- पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन समुद्री विरासत महोत्सव का आयोजन लोथल, गुजरात में करने की घोषणा।
- सुरक्षा और रक्षा सहयोग
- दूसरी आसियान–भारत रक्षा मंत्रियों की बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव।
- दूसरा आसियान–भारत समुद्री अभ्यास (Maritime Exercise) आयोजित करने का सुझाव, ताकि सुरक्षित और मुक्त समुद्री वातावरण को बढ़ावा दिया जा सके।
दक्षिण–पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN):
- स्थापना (Establishment)
- आसियान (ASEAN) की स्थापना 1967 में थाईलैंड के बैंकॉक में हुई।
- इसकी स्थापना आसियान घोषणा पर हस्ताक्षर के साथ हुई।
- संस्थापक सदस्य देश थे — इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड।
- नए सदस्य देशों का जुड़ना (Expansion of ASEAN)
- ब्रुनेई दारुस्सलाम— 1984 में शामिल हुआ।
- वियतनाम— 1995 में शामिल हुआ।
- लाओस और म्यांमार— 1997 में शामिल हुए।
- कंबोडिया— 1999 में शामिल हुआ।
- टिमोर–लेस्ते— अक्टूबर 2025 में शामिल हुआ, जिससे आसियान के 11 सदस्य देश हो गए।
भारत–आसियान संबंधों का महत्व:
आर्थिक साझेदारी (Economic Partnership):
- आसियान भारत काचौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, द्विपक्षीय व्यापार 2023–24 में 67 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचा।
- आसियान–भारत मुक्त व्यापार समझौता (FTA, 2009) ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा दिया।
रणनीतिक एवं सुरक्षा सहयोग:
- यह भारत कीAct East Policy और Indo-Pacific Vision को मजबूत करता है।
- भारतEast Asia Summit, ASEAN Regional Forum, संयुक्त समुद्री अभ्यासों में भाग लेता है।
- समुद्री सुरक्षा, आपदा प्रबंधनऔर SAGAR सिद्धांत के तहत नियम-आधारित क्षेत्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देता है।
रक्षा सहयोग: फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल सौदा और नियमित समुद्री अभ्यास बढ़ते रक्षा विश्वास को दर्शाते हैं।
संपर्क और तकनीकी एकीकरण:
- भारत–म्यांमार–थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्गक्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करता है।
- 5G, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), फिनटेक और स्वच्छ ऊर्जामें सहयोग तकनीकी साझेदारी को गहरा करता है।
- सांस्कृतिक एवं जन–से–जन संबंध: पर्यटन, शैक्षणिक आदान-प्रदान और प्रवासी भारतीय समुदायसामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करते हैं।

