India Unveils Major Global Solar Initiatives at ISA Assembly
संदर्भ:
नई दिल्ली में आयोजित आठवीं अंतरराष्ट्रीय सोलर एलायंस (ISA) असेंबली के दौरान भारत ने स्वच्छ, समानता-आधारित और सर्कुलर सौर ऊर्जा प्रणालियों की दिशा में वैश्विक परिवर्तन को तेज करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण वैश्विक पहलों की घोषणा की।
सौर ऊर्जा से जुड़ी प्रमुख पहलें:
- SUNRISE (Solar Upcycling Network for Recycling, Innovation & Stakeholder Engagement):
- इस पहल उद्देश्य सौर उत्पादों के लिए परिपत्र अर्थव्यवस्था विकसित करना है।
- इसमें पुराने सोलर पैनल और उपकरणों को रीसाइक्लिंग और अपसाइक्लिंग के ज़रिए नए संसाधनों में बदला जाएगा।
- इससे ग्रीन रोजगार और सतत संसाधन उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
- One Sun One World One Grid (OSOWOG):
- इस कार्यक्रम का लक्ष्य देशों के बीच पावर ग्रिड इंटरकनेक्शन (Cross-border Power Grid Connections) को मजबूत करना है।
- इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा व्यापार (Clean Energy Trade) को बढ़ावा देना है।
- शुरुआती चरण में पूर्वी एशिया, दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व, यूरोप और अफ्रीका के बीच कनेक्शन पर प्राथमिकता दी गई है।
- Global Capability Centre (GCC):
- इसे भारत का “Solar Silicon Valley” कहा जा रहा है।
- यह केंद्र अनुसंधान (Research), नवाचार (Innovation) और डिजिटल क्षमता निर्माण (Digital Capacity Building) का हब बनेगा।
- यह हब-एंड-स्पोक मॉडल पर काम करेगा और देशभर के अनुसंधान व प्रशिक्षण संस्थानों को जोड़ेगा।
- इसमें एक AI-आधारित लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म “ISA Academy” भी शामिल होगा।
- SIDS Procurement Platform:
- इसे विश्व बैंक के साथ मिलकर विकसित किया गया है।
- इसका उद्देश्य Small Island Developing States (SIDS) को सौर उत्पादों की संयुक्त खरीद की सुविधा देना है।
- यह प्लेटफ़ॉर्म वित्तपोषण, क्षमता निर्माण और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा, जिससे द्वीपीय देशों में सस्ती और विश्वसनीय ऊर्जा उपलब्ध हो सके।
- घरेलू योजनाओं का दोहराव:
- भारत ने यह संकल्प लिया है कि वह अन्य विकासशील देशों, विशेषकरअफ्रीका और छोटे द्वीपीय देशों, को अपनी सफल घरेलू सौर योजनाओं को अपनाने में मदद करेगा।
- इसमें प्रमुख योजनाएं हैं:
- पीएम सूर्य घर – मुफ्त बिजली योजना
- पीएम–कुसुम योजना
 
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन:
स्थापना और पृष्ठभूमि:
- अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) एकसंधि-आधारित अंतर-सरकारी संगठन है।
- इसकी स्थापनाभारत और फ्रांस ने 2015 में पेरिस में आयोजित COP21 जलवायु सम्मेलन के दौरान की थी।
उद्देश्य:
- सौर ऊर्जा कोसतत और स्वच्छ ऊर्जा समाधान के रूप में बढ़ावा देना।
- ऊर्जा तक समान पहुंचऔर जलवायु परिवर्तन से निपटने में सौर ऊर्जा की भूमिका को मजबूत करना।
- वर्ष2030 तक सौर ऊर्जा क्षेत्र में एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश को प्रोत्साहित करना।
सदस्य देश:
- वर्तमान में125 देश इस गठबंधन के सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता हैं।
- सदस्य देशमिनी ग्रिड, ग्रामीण विद्युतीकरण और सौर वित्तपोषण जैसे क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाएं चला रहे हैं।
ढांचे में संशोधन:
- प्रारंभ में संगठन केवलविकासशील देशों पर केंद्रित था।
- वर्ष2020 में इसके फ्रेमवर्क एग्रीमेंट में संशोधन किया गया, जिससे अब संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश ISA में शामिल हो सकते हैं।
मुख्यालय: अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का मुख्यालय गुरुग्राम (भारत) में स्थित है।
- यह भारत में स्थापित पहला अंतरराष्ट्रीय संगठन है।
महत्व
- यह संगठन वैश्विक सौर सहयोग को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
- इसका लक्ष्य है — “एक सूरज, एक विश्व, एक ग्रिड” के माध्यम से पूरी दुनिया को स्वच्छ ऊर्जा से जोड़ना।
 
				 
								 
								 
    
 
												 
												 
												 
												 
												 
												