National Beekeeping & Honey Mission

संदर्भ:
भारत का मधु उत्पादन क्षेत्र एक संगठित परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, क्योंकि राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं मधु मिशन (NBHM) देशभर में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहित कर रहा है। यह पहल किसानों की आय बढ़ाने, पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने और शुद्ध मधु उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है।
National Beekeeping and Honey Mission (NBHM): प्रमुख जानकारी–
परिचय: यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना (Central Sector Scheme) है, जिसे भारत सरकार ने वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन (Scientific Beekeeping) और गुणवत्तापूर्ण शहद व अन्य छत्ते से प्राप्त उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया।
- कार्यान्वयन एजेंसी: इसे नेशनल बी बोर्ड (National Bee Board – NBB) के माध्यम से लागू किया जा रहा है।
- लॉन्च और बजट:
- योजना को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वर्ष 2020–21 से 2022–23 के लिए ₹500 करोड़ के कुल बजट के साथ शुरू किया गया था।
- इसे आगे तीन वर्षों (2023–24 से 2025–26) के लिए बढ़ाया गया है, जिसमें मूल आवंटन से ₹370 करोड़ की शेष राशि का उपयोग किया जाएगा।
- मुख्य उद्देश्य:
- देश में “स्वीट रिवॉल्यूशन (Sweet Revolution)” को प्रोत्साहन देना।
- मधुमक्खी पालन को वैज्ञानिक, संगठित और व्यावसायिक रूप से विकसित करना।
- कृषकों की आय बढ़ाना तथा गुणवत्तापूर्ण शहद के उत्पादन और निर्यात को सशक्त बनाना।
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM) के प्रमुख उद्देश्य:
- समग्र उद्योग विकास: मधुमक्खी पालन क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देना ताकि किसानों की आय और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सके।
- अवसंरचना विकास: न्यूक्लियस स्टॉक उत्पादन, शहद प्रसंस्करण, पैकेजिंग और ब्रांडिंग के लिए आवश्यक सुविधाएं और केंद्र स्थापित करना।
- गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करना: शहद गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएं और रोग निदान केंद्र स्थापित करना ताकि शहद और मधुमक्खी उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
- डिजिटल ट्रेसबिलिटी: ब्लॉकचेन आधारित डिजिटल प्रणाली लागू करना ताकि शहद की उत्पत्ति और शुद्धता का डिजिटल सत्यापन किया जा सके।
- हनी कॉरिडोर और उद्यमिता प्रोत्साहन: हनी कॉरिडोर (Honey Corridors) विकसित करना और कृषि-आधारित उद्यमिता व एपिकल्चर स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना।
शहद उत्पादन की वर्तमान स्थिति:
- उत्पादन (2024): लगभग4 लाख मीट्रिक टन प्राकृतिक शहद का उत्पादन हुआ।
- मुख्य उत्पादक राज्य: उत्तर प्रदेश (17%), पश्चिम बंगाल (16%), पंजाब (14%), बिहार (12%), और राजस्थान (9%) प्रमुख शहद उत्पादक राज्य हैं।
- वैश्विक स्थिति:
- भारत अब प्राकृतिक शहद का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश बन गया है (पहले स्थान पर चीन है)।
- वर्ष 2020 में भारत 9वें स्थान पर था।
- निर्यात (वित्त वर्ष 2023–24):
- 07 लाख मीट्रिक टन प्राकृतिक शहद का निर्यात किया गया, जिसकी कीमत 177.52 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी।
- तुलना में, वित्त वर्ष 2020–21 में यह 59,999 मीट्रिक टन और77 मिलियन डॉलर था।
- मुख्य निर्यात गंतव्य: अमेरिका, यूएई, सऊदी अरब, कतर और लीबिया भारत के प्रमुख शहद आयातक देश हैं।
राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (National Bee Board – NBB):
- स्थापना: वर्ष 2000 में सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत की गई। इसे स्मॉल फार्मर्स एग्री-बिजनेस कंसोर्टियम (SFAC) द्वारा प्रोत्साहित किया गया था।
- पुनर्गठन: वर्ष 2006 में इसे कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अंतर्गत पुनर्गठित किया गया।
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- अध्यक्ष: कृषि एवं सहयोग विभाग के सचिव
- मुख्य उद्देश्य (Mandate):
- वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन, फसल परागण और गुणवत्तापूर्ण शहद उत्पादन को बढ़ावा देना।
- राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM) के कार्यान्वयन की नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना।
