EPFO

संदर्भ:
केंद्र सरकार ने कर्मचारी नामांकन योजना 2025 (Employee Enrollment Scheme 2025) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत स्वैच्छिक रूप से नामांकित करना है। यह पहल संगठित क्षेत्र के कवरेज को बढ़ाने और कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की नई योजना के बारे में:
परिचय:
- यह योजना केंद्रीय श्रम मंत्री द्वारा ईपीएफओ (EPFO) के 73वें स्थापना दिवस के अवसर पर शुरू की गई।
- यह 1 नवंबर 2025 से प्रभावी हुई है और इसका उद्देश्य नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करना है कि वे अपने पात्र कर्मचारियों को स्वेच्छा से घोषित कर ईपीएफ में पंजीकृत करें।
पात्रता और प्रक्रिया:
- नियोक्ता 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच नियुक्त हुए उन कर्मचारियों को नामांकित कर सकते हैं, जिन्हें किसी कारणवश कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में शामिल नहीं किया गया था।
- नियोक्ताओं को कर्मचारी के हिस्से का अंशदान (यदि पहले नहीं काटा गया) नहीं देना होगा।
- उन्हें केवल अपने हिस्से का अंशदान और ₹100 का नाममात्र दंड (penalty) देना होगा।
महत्त्व:
- यह योजना नियोक्ताओं को कानूनी कार्रवाई या भारी जुर्माने के डर के बिना अपने कर्मचारियों को नियमित करने का अवसर देती है।
- केवल अपने हिस्से का अंशदान और न्यूनतम शुल्क देकर नियोक्ता श्रम कानूनों के अनुपालन को सुनिश्चित कर सकते हैं।
- कर्मचारियों के लिए यह योजना सामाजिक सुरक्षा, रिटायरमेंट सेविंग्स और ईपीएफ लाभों तक पहुंच प्रदान करती है।
