EMCV

संदर्भ:
दिल्ली चिड़ियाघर में एकमात्र अफ्रीकी हाथी शंकर की मौत दुर्लभ एन्सेफैलोमायोकार्डाइटिस वायरस (EMCV) से हुई, जो चूहों से फैलने वाला वायरस है। अधिकारियों के अनुसार, यह भारत के किसी भी चिड़ियाघर में इस वायरस से मौत का पहला मामला है।
मुख्य विशेषताएँ (Key Characteristics):
- वर्गीकरण (Classification): यह एकगैर-आवरणयुक्त (non-enveloped), सकारात्मक-सेंस (positive-sense), एकल-सूत्री RNA (single-stranded RNA) वायरस है।
- मेज़बान (Hosts): इसके मुख्य वाहक (reservoirs) जंगली कृंतक (wild rodents) जैसे चूहे और मूषक होते हैं।
ये प्रायःलक्षण-रहित संक्रमण (asymptomatic infection) से ग्रस्त रहते हैं, लेकिन अपने मल-मूत्र में वायरस छोड़ते हैं।
यह वायरस सूअर, हाथी, गैर-मानव प्राइमेट (nonhuman primates) और अन्य चिड़ियाघर के जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है, जिनमें अक्सर यह संक्रमण गंभीर या घातक होता है। - संक्रमण के तरीके (Transmission):
- मुख्य रूप से मल–मौखिक मार्ग (fecal-oral route)से — संक्रमित कृंतकों के मल या मूत्र से दूषित भोजन या पानी के सेवन से।
- संक्रमित कृंतकों के शवोंको खाने से भी फैल सकता है।
- सूअरों में गर्भनाल के माध्यम सेसंक्रमण के मामले भी दर्ज किए गए हैं।
- पर्यावरणीय स्थिरता: यह वायरसपर्यावरणीय परिस्थितियों और कई कीटाणुनाशकों (disinfectants) के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी होता है और मेज़बान के बाहर कई दिनों से हफ्तों तक संक्रामक रह सकता है।
क्लिनिकल लक्षण और रोग (Clinical Signs and Disease):
- सामान्य: लक्षण मेज़बान और वायरस की स्ट्रेन पर निर्भर करते हैं। कई मामलों मेंअचानक मृत्यु पहला संकेत होता है।
- हाथी और गैर–मानव प्राइमेट: इन प्रजातियों में यह संक्रमण प्रायःघातक होता है, जिससे तीव्र हृदय विफलता (acute heart failure) और फेफड़ों में सूजन (pulmonary edema) हो सकती है।
