National Education Day 2025
संदर्भ:
भारत में 11 नवंबर 2025 को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। यह दिन स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। जिसकी घोषणा वर्ष 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (शिक्षा मंत्रालय) द्वारा की गई थी। इस वर्ष उनकी 137वीं जयंती मनाई गई।
इस दिन को मनाने का मुख्य कारण
- राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का मुख्य कारण मौलाना आज़ाद के उस योगदान को याद करना है, जिन्होंने भारत में शिक्षा व्यवस्था की नींव रखी।
- जब भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ, तब देश में शिक्षा की स्थिति कमजोर थी। बहुत से लोग अशिक्षित थे, और महिलाओं की शिक्षा दर बहुत कम थी। मौलाना आज़ाद ने 1947 से 1958 तक शिक्षा मंत्री रहते हुए शिक्षा को आमजन तक पहुँचाने का अभियान शुरू किया।
- उनकी नीतियों ने साक्षरता, तकनीकी शिक्षा और वैज्ञानिक सोच को भारत की नई पहचान बनाया।
महत्त्व
- राष्ट्रीय शिक्षा दिवस इस बात का प्रतीक है कि शिक्षा प्रत्येक नागरिक का अधिकार है।
- 2025 के परिप्रेक्ष्य में भी भारत में शिक्षा का दायरा लगातार बढ़ रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने इसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया है, जिसमें बच्चों की जिज्ञासा, रचनात्मकता और मूल्यों पर जोर दिया गया है।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के बारे में
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को मक्का (सऊदी अरब) में हुआ था।
- उनका असली नाम अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन था। वे एक महान विद्वान, स्वतंत्रता सेनानी और गहन विचारक थे।
- 1912 में उन्होंने “अल-हिलाल” नामक पत्रिका की शुरुआत की जिसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नई चेतना जगाई।
- स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने और 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1958 तक इस पद पर रहे। उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण संस्थान स्थापित हुए –
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs)
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)
- भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) का विस्तार
- अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE)
- साहित्य अकादमी, संगीत नाटक अकादमी और ललित कला अकादमी
- उनके निधन के बाद वर्ष 1992 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस (International Education Day)
- विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस हर वर्ष 24 जनवरी को मनाया जाता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2018 में घोषित किया था।
- इसका उद्देश्य विश्व के सभी लोगों के लिए समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है।
- इस दिन को वैश्विक शांति और सतत विकास में शिक्षा की भूमिका का जश्न मनाने के लिए अपनाया गया था।
- पहला अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 24 जनवरी, 2019 को मनाया गया।

