Cyber Bharat Setu Workshop 2025
संदर्भ
डिजिटल विस्तार के साथ साइबर खतरों की जटिलता से निपटने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) तथा भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) ने त्रिपुरा सरकार के साथ मिलकर साइबर भारत सेतु कार्यशाला का आयोजन किया। जिसका मुख्य उद्देश्य राज्यों में साइबर सुरक्षा क्षमता को सुदृढ़ कर एक सुरक्षित और लचीला डिजिटल भारत निर्माण करना है।
कार्यशाला का आयोजन
- MeitY, CERT-In और त्रिपुरा सरकार ने मिलकर “साइबर भारत सेतु: ब्रिजिंग स्टेट्स, सिक्योरिंग भारत” नामक दो दिवसीय कार्यशाला (11-12 नवंबर 2025) का आयोजन किया।
- कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव श्री एस. कृष्णन ने अगरतला के प्रज्ञा भवन में किया।
- कार्यशाला में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, पुलिस, बैंकों, तकनीकी संस्थानों और विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- कार्यशाला में CERT-In के विशेषज्ञों द्वारा इंटरैक्टिव सत्र, सिमुलेशन अभ्यास, और काल्पनिक साइबर घटनाओं पर आधारित प्रशिक्षण आयोजित किए गए।
उद्देश्य
- “साइबर भारत सेतु” पहल का लक्ष्य है — क्षमता निर्माण (Capacity Building), नवाचार (Innovation), और सक्रिय रक्षा रणनीतियों (Active Defence Strategies) के माध्यम से एक साइबर-सक्षम भारत (Cyber-Enabled Bharat) का निर्माण।
- यह पहल न केवल सरकारी संस्थानों बल्कि नागरिकों और निजी क्षेत्र के लिए भी साइबर जागरूकता और सुरक्षा प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करती है।
मुख्य गतिविधियाँ
- त्रिपुरा साइबर सुरक्षा नीति 2025: इस अवसर पर श्री एस. कृष्णन ने त्रिपुरा साइबर सुरक्षा नीति 2025 (TCSP 2.0) का शुभारंभ किया। यह नीति राज्य के आईटी और आईसीटी प्रणालियों की सुरक्षा, संस्थागत ढांचे को सुदृढ़ करने, और सार्वजनिक-निजी साझेदारी को प्रोत्साहन देने का एक समग्र ढांचा है।
- साइबर जागरूकता अभियान 2025 (TCSAM 2025): पिछले वर्ष (2024) में आयोजित “राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह (NCSAM)” की सफलता के बाद 2025 में इसका दूसरा संस्करण “त्रिपुरा साइबर सुरक्षा जागरूकता माह (TCSAM 2025)” के रूप में शुरू किया गया। अभियान में नागरिकों, विद्यार्थियों और सरकारी कर्मचारियों के बीच साइबर स्वच्छता (Cyber Hygiene), सुरक्षा उपायों और ऑनलाइन व्यवहार के प्रति जागरूकता फैलाने पर जोर दिया गया है। इस वर्ष अभियान का मास्कॉट “रक्षा मित्र” (Raksha Mitra) रखा गया है।
महत्व और प्रभाव
- साइबर सुरक्षा सुदृढ़ीकरण: यह पहल राज्यों में साइबर हमलों के प्रति तैयारी और सुरक्षा ढांचे को मजबूत करती है।
- क्षमता निर्माण: सरकारी अधिकारियों, पुलिस और विद्यार्थियों को आधुनिक साइबर खतरों से निपटने का व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलता है।
- नवाचार को बढ़ावा: इसके माध्यम से साइबर रक्षा और तकनीकी समाधान में स्थानीय नवाचार को प्रोत्साहित किया जाता है।
- जनजागरूकता: नागरिकों में साइबर स्वच्छता और सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार के प्रति जागरूकता बढ़ती है।
- राष्ट्रीय डिजिटल सुरक्षा सहयोग: केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय से एकीकृत साइबर सुरक्षा नेटवर्क विकसित होता है।

