WHO Global TB Report 2025
संदर्भ
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा Global TB Report 2025 जारी की गई। जिसमें दुनिया में क्षय रोग की वर्तमान स्थिति, प्रगति और चुनौतियों का व्यापक मूल्यांकन प्रस्तुत किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार महामारी के बाद TB की रिकवरी धीमी हुई है और जोखिम कारकों से TB नियंत्रण पर दबाव बढ़ रहा है।
WHO की ग्लोबल TB रिपोर्ट 2025 के मुख्य बिंदु
- वैश्विक TB प्रसार: रिपोर्ट के अनुसार 2023–24 के बीच वैश्विक TB घटनाओं में 1.7% गिरावट दर्ज हुई, जिससे यह 131 प्रति 1,00,000 आबादी पर पहुंच गई। यह सुधार महामारी-जनित व्यवधानों से उबरने का संकेत देता है, हालांकि गिरावट की गति अभी भी अंतरराष्ट्रीय लक्ष्यों से कम है। इसी के साथ अमेरिका में लगातार चौथे वर्ष वृद्धि दर्ज हुई, जिसका मुख्य कारण कम रिपोर्टिंग और कम पहचान माना गया है।
- उच्च-भार वाले देश: विश्व स्तर पर TB मामलों का 86% एशिया और अफ्रीका में केंद्रित है, जिसमें दक्षिण-पूर्व एशिया 34%, पश्चिमी प्रशांत 27% और अफ्रीका 25% योगदान देते हैं। आठ देश वैश्विक बोझ के 67% मामलों के लिए जिम्मेदार हैं, जिनमें भारत (25%), इंडोनेशिया (10%) और फिलीपींस (6.8%) मुख्य योगदानकर्ता हैं।
- दवा-प्रतिरोधी: रिपोर्ट के अनुसार MDR-TB अभी भी वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती है। पहचान और उपचार में सुधार दर्ज हुआ है, लेकिन प्रगति अपर्याप्त है। उपचार-अनुकूल विकल्पों और लंबी अवधि के प्रोटोकॉल के कारण रोगियों पर आर्थिक और स्वास्थ्य बोझ बना हुआ है।
- वित्तपोषण अंतर: वैश्विक TB वित्तपोषण 2020 के बाद स्थिर बना हुआ है और 2024 में केवल 5.9 अरब डॉलर उपलब्ध हो सके, जो 2027 के 22 अरब डॉलर लक्ष्य का मात्र एक-चौथाई है। रिपोर्ट के अनुसार 2025 से अंतरराष्ट्रीय सहायता में प्रस्तावित कटौती से TB मामलों और मौतों में संभावित वृद्धि हो सकती है।
- अनुसंधान और नवाचार::TB अनुसंधान फंडिंग 2023 में मात्र 1.2 अरब डॉलर रही, जो निर्धारित लक्ष्य का केवल 24% है। इसके बावजूद, 63 डायग्नोस्टिक तकनीकें और 29 नई दवाएं विकासाधीन हैं। 18 वैक्सीन उम्मीदवार परीक्षण चरणों में हैं, जिनमें छह फेज-3 में हैं। WHO की TB Vaccine Accelerator Council पहल वैश्विक टीका अनुसंधान को रणनीतिक गति प्रदान कर रही है।
भारत के परिप्रेक्ष्य में विस्तृत विश्लेषण
- भारत में TB: रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 2015 से 2024 के बीच TB घटनात्मकता में 21% की गिरावट दर्ज की, जो वैश्विक औसत 12% से कहीं तेज है। 2024 में घटनात्मकता 187 प्रति एक लाख पर आ गई, जबकि 2015 में यह 237 थी।
- उपचार कवरेज में सुधार: भारत ने 2024 में अनुमानित 27 लाख मामलों में से 26.18 लाख मामलों की पहचान कर ली है, जिससे “missing cases” की संख्या 2015 के 15 लाख से घटकर 2024 में एक लाख से भी कम रह गई। उपचार कवरेज 53% (2015) से बढ़कर 92% (2024) हो गया, जो भारत की विकेंद्रीकृत स्वास्थ्य प्रणाली और डिजिटल निगरानी प्लेटफॉर्म के प्रभाव को रेखांकित करता है।
- मृत्यु दर में कमी: भारत की TB मृत्यु दर 2015 के 28 प्रति एक लाख से घटकर 2024 में 21 प्रति एक लाख हो गई। यह सुधार उल्लेखनीय है, यद्यपि भारत अभी भी वैश्विक MDR-TB बोझ का एक-तिहाई वहन करता है।
- प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रम: TB-मुक्त भारत अभियान, निक्षय पोषण योजना और निक्षय 2.0 जैसी पहलों ने पोषण सहायता, सामुदायिक भागीदारी और उपचार निगरानी को मजबूत किया है। 2024 के बाद से 19 करोड़ से अधिक संवेदनशील व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई, जिससे 24.5 लाख मामलों का पता चला, जिनमें बड़ी संख्या में लक्षण-रहित TB रोगी भी शामिल हैं।
- वित्तीय चुनौतियाँ: यद्यपि भारत की प्रगति वैश्विक मानकों से आगे है, रिपोर्ट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता में संभावित कटौती राष्ट्रीय कार्यक्रमों के स्थायित्व को प्रभावित कर सकती है।
- सुझाव: भारत को 2025 के TB उन्मूलन लक्ष्य तक पहुँचने के लिए घरेलू निवेश बढ़ाने, कुपोषण से निपटने, निजी स्वास्थ्य क्षेत्र की रिपोर्टिंग में सुधार और उच्च MDR बोझ वाले क्षेत्रों पर केंद्रित रणनीति अपनाने की आवश्यकता है।

