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मोटर न्यूरॉन रोग (MND) | Ankit Avasthi Sir

MND

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संदर्भ:

हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक नवीन चिकित्सीय पद्धति विकसित की है, जो तंत्रिका कोशिकाओं में जमा जहरीले प्रोटीन को साफ़ करने में सक्षम है। यह प्रगति मोटर न्यूरॉन रोग (MND) के उपचार में एक आशाजनक कदम मानी जा रही है, क्योंकि अब तक इस विकार का कोई पूर्ण उपचार उपलब्ध नहीं था। 

मोटर न्यूरॉन रोग क्या हैं?

मोटर न्यूरॉन रोग (MND) एक प्रगतिशील न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड के मोटर न्यूरॉन्स धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। ये न्यूरॉन्स मांसपेशियों को आदेश भेजने का काम करते हैं; इसलिए उनके नष्ट होने पर मांसपेशियां कमजोर, निर्बल और अंततः निष्क्रिय हो जाती हैं। MND को एम्योत्रॉफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) और लू गेहरिग रोग के रूप में भी जाना जाता है। 

MND रोग की उत्पत्ति:

  • MND के लगभग 20 प्रतिशत मामले आनुवंशिक कारणों से जुड़े पाए गए हैं, जबकि शेष मामलों में पर्यावरणीय, जीवनशैली संबंधी और सेल-स्तरीय कारक शामिल होते हैं। 
  • वैज्ञानिकों के अनुसार, तंत्रिका कोशिकाओं में गलत तरीके से मुड़े प्रोटीन (misfolded proteins) जमा होने लगते हैं, जो न्यूरॉन्स की कार्यक्षमता को बाधित करते हैं। यह प्रोटीन विषाक्तता न्यूरोडिज़नरेशन को तेज़ करती है। 
  • यह रोग दुर्लभ है, लेकिन अत्यधिक गंभीर है, और प्रायः 50 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों में दिखाई देता है।

MND के लक्षण:

MND धीरे-धीरे बढ़ने वाला विकार है जिसकी शुरुआत आमतौर पर हाथों, पैरों या आवाज़ से संबंधित मांसपेशियों की कमजोरी से होती है। समय के साथ व्यक्ति में निगलने, बोलने, सांस लेने और चलने में कठिनाई बढ़ती जाती है। लक्षण प्रायः एक ओर से शुरू होकर पूरे शरीर में फैलते हैं। रोग की प्रगति व्यक्ति-विशेष पर निर्भर होती है, परंतु औसतन निदान के बाद जीवन प्रत्याशा 1 से 5 वर्ष मानी जाती है।

MND का उपचार

वर्तमान में MND का कोई इलाज नहीं है, परंतु बहु-विषयक देखभाल—फिजियोथेरपी, पोषण प्रबंधन और औषधि—रोगी की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाते हैं। कुछ दवाएं, जैसे रिल्यूज़ोल और एडारावोन, रोग की प्रगति को कुछ हद तक धीमा करती हैं।

हालिया वैज्ञानिक प्रगति: 

नई विकसित थैरेपी विशेष आणविक तंत्रों (molecular pathways) को सक्रिय करती है, जो मोटर न्यूरॉन्स में जमा विषाक्त प्रोटीन को हटाने में मदद करते हैं। यह प्रक्रिया सेल के प्राकृतिक अपशिष्ट-प्रबंधन तंत्र—जैसे ऑटोफैगी और प्रोटिओसोमल क्लियरेंस—को सुदृढ़ बनाती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि इन विषाक्त जमावों को प्रारंभिक चरण में ही नियंत्रित कर लिया जाए, तो न्यूरॉन्स की मृत्यु धीमी की जा सकती है, जिससे रोग की प्रगति पर सकारात्मक प्रभाव होगा।

इसका नैदानिक महत्व: 

यह खोज MND उपचार की दिशा बदल सकती है। अब तक उपचार केवल लक्षणों को नियंत्रित करने पर केंद्रित था—जैसे मांसपेशी जकड़न, श्वसन कठिनाई, या संचार समस्याओं का प्रबंधन। लेकिन यह नई थेरेपी पहली बार रोग के मूल कारण, यानी न्यूरॉन क्षति को रोकने का प्रयास कर रही है। यदि आगे के परीक्षण सफल रहते हैं, तो यह ALS और अन्य न्यूरोडिज़नरेटिव रोगों के लिए भी एक मॉडल थैरेपी बन सकती है।

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