Proposal for a revised UDAN scheme worth Rs 30000 crore has been proposed
संदर्भ:
भारत सरकार ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क को अगले दशक तक व्यापक रूप से विस्तार देने के उद्देश्य से संशोधित उड़ान (UDAN) योजना के लिए ₹30,000 करोड़ का बड़ा प्रावधान प्रस्तावित किया है। जिसके माध्यम से छोटे शहरों और पहाड़ी क्षेत्रों में सस्ती और सुलभ हवाई सेवाएँ उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास किया जाएगा।
संशोधित UDAN योजना क्या हैं?
संशोधित ढाँचा क्षेत्रीय हवाई अवसंरचना को उन्नत करने और एयरलाइनों को कठिन मार्गों पर संचालन के लिए प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। प्रस्तावित राशि में— ₹18,000 करोड़ — नए हवाई अड्डों के निर्माण, ग्रीनफील्ड परियोजनाओं, छोटे एयरस्ट्रिपों के उन्नयन और पहाड़ी क्षेत्रों में हेलिपोर्ट विकास हेतु और ₹12,000 करोड़ — वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) के लिए आवंटित किए जाएंगे, जिससे कम मांग वाले मार्गों पर हवाई संचालन आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाया जा सके।
संशोधित UDAN योजना का प्रमुख उद्देश्य:
- 120 नए गंतव्यों को जोड़ना: अगले दस वर्षों में 120 अतिरिक्त शहरों/स्थान को राष्ट्रीय हवाई नक्शे में शामिल करने का लक्ष्य।
- 4 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों को जोड़ना: क्षेत्रीय हवाई यात्रा की पहुँच और वहनीयता को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देना।
- व्यापक अवसंरचना समर्थन: छोटे हवाई अड्डों, पानी पर आधारित एयरोड्रमों और पहाड़ी राज्यों में हेलिपैड श्रंखला को विकसित करना।
- निजी भागीदारी बढ़ाना: लाइसेंस, विमान लीजिंग और बोली प्रक्रिया से संबंधित नियमों को सरल बनाना।
- वित्तीय समर्थन: राज्य सरकारें और हवाई अड्डा संचालक प्रदान करेंगे— कम ATF कर, कम लैंडिंग/पार्किंग शुल्क, त्वरित क्लीयरेंस, नए हवाई अड्डों के लिए पूंजीगत सहायता।
UDAN योजना का विकास:
- प्रारंभिक चरण (2016–2017): UDAN को राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति (NCAP) 2016 के तहत शुरू किया गया। 2017 में प्रधानमंत्री द्वारा शिमला–दिल्ली पहली UDAN उड़ान का शुभारंभ योजना के क्रियान्वयन की औपचारिक शुरुआत थी। शुरुआती समर्थन के रूप में ₹8,000 करोड़ का प्रावधान रखा गया और छोटे शहरों को जोड़ने के लिए व्यवहार्यता अंतर फंडिंग (VGF) मॉडल अपनाया गया।
- नेटवर्क विस्तार का चरण (2017–2020): इस दौरान योजना ने तेज गति पकड़ी। 90 से अधिक हवाई अड्डों, 15 हेलीपोर्ट्स और 2 वाटर एयरोड्रोम को कनेक्ट किया गया। 600 से अधिक रूट स्वीकृत हुए और लाखों यात्रियों ने पहली बार सस्ती हवाई यात्रा का लाभ उठाया।
- नवाचार और विविधीकरण (2020–2023): COVID-19 काल में ‘लाइफ़लाइन उड़ान’ के माध्यम से मेडिकल कार्गो को तेज़ी से भेजने जैसी गतिविधियों ने योजना की उपयोगिता को बढ़ाया। इसी चरण में Krishi UDAN की शुरुआत हुई, जिसने किसानों के उत्पाद को हवाई लॉजिस्टिक्स के माध्यम से बड़े बाजारों तक पहुँचाने में मदद की। इसके अलावा, UDAN 4.2 और 5.0 के दौरान सीप्लेन संचालन, वाटर एयरोड्रोम और कठिन भू-भागों में कनेक्टिविटी पर जोर दिया गया।
योजना के अपेक्षित लाभ:
- क्षेत्रीय संपर्क में व्यापक वृद्धि: संशोधित उड़ान योजना दूरस्थ, पहाड़ी, आकांक्षी ज़िलों और पूर्वोत्तर राज्यों को हवाई नेटवर्क से जोड़कर समग्र क्षेत्रीय गतिशीलता को मजबूत करेगी।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन को बढ़ावा: नए हवाई अड्डों का निर्माण, हेलीपोर्ट्स की स्थापना और बढ़ती उड़ानों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- आपात एवं स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता: दुर्गम क्षेत्रों में एयर एम्बुलेंस, चिकित्सा आपूर्ति, आपदा राहत और आवश्यक वस्तुओं की तेज़ डिलीवरी संभव होगी। इससे जीवन रक्षक सेवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी।
- पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के विकास को गति: विशेष फोकस वाले राज्यों—पूर्वोत्तर, हिमालयी क्षेत्र और आकांक्षी जिलों—में नई हवाई सुविधाओं और नियमित उड़ानों से सामाजिक-आर्थिक असमानताएँ कम होंगी।

