HAL–L&T collaboration builds India’s first industry-built PSLV rocket
संदर्भ:
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी उद्योग की भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ISRO ने 2022 में HAL–L&T कंसोर्टियम को PSLV-XL रॉकेटों के निर्माण का दायित्व सौंपा था। उसी के तहत 2025 में इस कंसोर्टियम ने पहला पूर्णत: ‘इंडस्ट्री-निर्मित’ PSLV तैयार कर लिया है, जिससे आने वाले वर्ष की शुरुआत में ओसियनसेट उपग्रह प्रक्षेपित किया जाना प्रस्तावित है।
उद्योग द्वारा निर्मित पहला PSLV:
उद्योग द्वारा निर्मित पहले PSLV को Hindustan Aeronautics Limited (HAL) और Larsen & Toubro (L&T) के संयुक्त कंसोर्टियम द्वारा पूरी तरह निर्मित किया गया है। यह पहली बार है जब PSU–Private Industry ने मिलकर PSLV को end-to-end तैयार किया है।
- अनुबंध: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का PSLV जैसे भरोसेमंद लेकिन परिपक्व लॉन्च वाहनों का उद्योग द्वारा निर्माण करना दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। इसी उद्देश्य से, वर्ष 2022 में ISRO ने HAL–L&T कंसोर्टियम को पाँच PSLV-XL रॉकेटों के एंड-टू-एंड उत्पादन का अनुबंध किया।
- शर्ते: ISRO ने Small Satellite Launch Vehicle (SSLV) की तकनीक HAL को पूर्णतः हस्तांतरित कर दी है। अब SSLV की उत्पादन, संचालन, व्यवसायिक लॉन्च सब कुछ उद्योग की जिम्मेदारी होगी। इसमें प्रणोदन मॉड्यूल, संरचनात्मक असेंबली, एवियोनिक्स, परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण शामिल है।
- Oceansat मिशन से संबंध: पहला उद्योग-निर्मित PSLV Oceansat को लॉन्च करेगा, जो समुद्री सतह तापमान, क्लोरोफिल, तटीय इकोसिस्टम और मत्स्य संसाधन मॉनिटरिंग के लिए महत्वपूर्ण है।
उद्योग द्वारा निर्मित पहले PSLV का महत्व:
- ISRO पर भार कम – इससे ISRO को विनिर्माण से हटकर अनुसंधान, नई तकनीकों और डीप-स्पेस मिशनों पर ध्यान केंद्रित करने की स्वतंत्रता मिलेगी।
- लॉन्च क्षमता में वृद्धि – निजी निर्माण से PSLV की संख्या बढ़ेगी, जिससे भारत की वार्षिक लॉन्च क्षमता भी तेज़ी से बढ़ेगी।
- व्यावसायिक अंतरिक्ष बाज़ार में प्रतिस्पर्धा – स्वदेशी उद्योग-निर्मित रॉकेट विदेशी और घरेलू ग्राहकों को आकर्षित करेंगे, जिससे भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का विस्तार होगा।
- आत्मनिर्भर अंतरिक्ष विनिर्माण – PSLV के प्रमुख उप-तंत्रों और हार्डवेयर का स्वदेशी उत्पादन Atmanirbhar Bharat और तकनीकी आत्म-निर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- भविष्य के निजी लॉन्च वाहनों के लिए आधार – PSLV का सफल उद्योग-निर्माण निजी कंपनियों को बड़े पैमाने पर रॉकेट निर्माण, SSLV संचालन और अगली-पीढ़ी के लॉन्च वाहनों के विकास के लिए प्रोत्साहित करेगा।
महत्वपूर्ण जानकारी:
- PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle): PSLV भारत का सबसे विश्वसनीय और बहु-उपयोगी प्रक्षेपण यान है, जिसे ISRO ने 1990 के दशक में विकसित किया था। यह 50+ सफल मिशनों के साथ विश्वसनीयता का रिकॉर्ड रखता है। यह ध्रुवीय कक्षा, सूर्यसमकालिक कक्षा तथा कुछ हद तक भू-स्थानांतरण कक्षा में उपग्रह स्थापित करने में सक्षम है। लागत-कुशलता और लगातार सफलता के कारण इसे अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक लॉन्च के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
- SSLV (Small Satellite Launch Vehicle): SSLV ISRO द्वारा विकसित एक कम-लागत, त्वरित-निर्माण वाला छोटा प्रक्षेपण यान है, जिसे 500–700 किलोग्राम श्रेणी के छोटे उपग्रहों को लो-अर्थ ऑर्बिट में भेजने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे उद्योग—विशेषकर HAL—को पूरी तरह हस्तांतरित किया गया है, जिससे छोटे उपग्रहों के तेजी से बढ़ते वैश्विक बाजार में भारत की भागीदारी और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ने की उम्मीद है।
- Oceansat सैटलाइट: Oceansat सैटलाइट एक पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह है, जो मुख्य रूप से ओशन कलर मॉनिटर (OCM), सी-सर्फेस टेम्परेचर और ह्यूमन गतिविधियों से प्रभावित तटीय परिवर्तनों की निगरानी करता है। इनके उन्नत सेंसर निरंतर समुद्री डेटा उपलब्ध कराते है, जो समुद्री अर्थव्यवस्था, फिशरी मैनेजमेंट और आपदा पूर्वानुमान में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
- Oceansat मिशन: Oceansat मिशन ISRO का समुद्री अवलोकन कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य समुद्री संसाधनों का प्रबंधन, जलवायु एवं मौसम अध्ययन, तटीय क्षेत्र निगरानी और मछली पकड़ने के संभावित क्षेत्रों की पहचान करना है। इस सीरीज़ के उपग्रह बेहतर महासागरीय रंग, तापमान और हवा की गति जैसी महत्वपूर्ण समुद्री जानकारियाँ प्रदान करते हैं।

