Volcanic eruption in ethiopia

संदर्भ:
इथियोपिया के अफार (Afar) क्षेत्र स्थित Hayli Gubbi ज्वालामुखी में लगभग 12,000 वर्षों बाद 24 नवंबर 2025 को अचानक विस्फोट हुआ, जिससे भारी मात्रा में ज्वालामुखीय राख, सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂), गैसों और पत्थरीय कणों का उत्सर्जन वायुमंडल में फैल गया। यह घटना वैश्विक चिंता का विषय है, बड़ी मात्रा में उत्पन्न यह राख भारत की वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है।
Hayli Gubbi ज्वालामुखी के बारे में:
Hayli Gubbi ज्वालामुखी इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित है। अफार त्रिभुज (Afar Depression) पृथ्वी की सबसे सक्रिय टेक्टोनिक क्षेत्रों में से एक है, जहाँ अफ्रीकी प्लेट, सोमाली प्लेट और अरेबियन प्लेट अलग हो रही हैं। इसी कारण यहाँ Erta Ale, Dabbahu और Hayli Gubbi जैसे सक्रिय/अर्ध-सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते हैं।
- प्रकार: Basaltic shield volcano
- अंतिम ज्ञात विस्फोट: लगभग 10,000–12,000 वर्ष पूर्व
- वर्तमान विस्फोट: प्लिनीयन-शैली के राख और गैस उत्सर्जन
- दूरी: Erta Ale ज्वालामुखी से लगभग 15 किमी दक्षिण-पूर्व
यह क्षेत्र “Cradle of Rift Volcanism” के रूप में प्रसिद्ध है और पृथ्वी की पर्पटी के प्रसार (crustal spreading) का अध्ययन करने के लिए महत्वपूर्ण है।
Hayli Gubbi ज्वालामुखी के राख बादल का मार्ग:
इस ज्वालामुखी से उत्पन्न राख और SO₂ का बादल: इथियोपिया → लाल सागर → यमन/ओमान → अरब सागर → पाकिस्तान → उत्तरी भारत मार्ग से गुजरा।
राख बादल के संचालन मध्य-पूर्व ट्रॉपोस्फेरिक पवनो,सबट्रॉपिकल वेस्टरली जेट (STWJ), अरब सागर पर उच्च-दबाव प्रणाली ओर सर्दियों में उत्तरी भारत की स्थिर हवाओं के कारण प्रभावित हुआ।
भारत में इस राख के प्रवेश से दिल्ली NCR, हरियाणा, गुजरात के पश्चिमी जिले, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ उत्तर-पश्चिमी हिस्से प्रभावित हुए।
ज्वालामुखीय राख क्या होती है?
ज्वालामुखीय राख बहुत सूक्ष्म (2 मिमी से कम व्यास) कांचीय, पुमिस और खनिज कणों का मिश्रण होती है। इसमें सिलिका कण, सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂), हाइड्रोजन सल्फाइड, कैल्शियम-मग्नीशियम यौगिक और भारी धातुएँ (Trace elements) शामिल होती हैं इस राख का फैलाव बहु-क्षेत्रीय प्रभाव पैदा करता है।
भारत में प्रभाव:
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वायु गुणवत्ता (Air Quality): दिल्ली की वायु में PM2.5 और PM10 का स्तर अचानक बढ़ा। SO₂ सांद्रता में वृद्धि से AQI ‘Severe’ श्रेणी की ओर बढ़ा।
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स्वास्थ्य प्रभाव: सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि, अस्थमा, COPD और बच्चों/बुजुर्गों पर अधिक जोखिम, आँखों में जलन, गले में खराश, त्वचा में जलन, SO₂ की उच्च सांद्रता से ब्रोंकियल सूजन।
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विमानन क्षेत्र (Aviation Disruptions): राख बादल जेट इंजनों के लिए अत्यंत हानिकारक होता है— इंजन ब्लेड में कांचीय जमा, दृश्यता प्रभावित, रडार कार्यक्षमता बाधित होती है। एयर इंडिया, इंडिगो, अकासा एयर सहित कई एयरलाइनों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द/डाइवर्ट करनी पड़ीं।
जलवायु पर अल्पकालिक प्रभाव:
SO₂ स्ट्रैटोस्फीयर में पहुँचकर एरोसोल सल्फेट कण बनाता है, जो सूर्य के विकिरण को परावर्तित कर सकता है। हालांकि यह विस्फोट मध्यम-स्तर का माना जा रहा है, इसलिए प्रभाव सीमित रहेगा।
