Telecom Identifier User Unit and SIM-binding policy

संदर्भ:
भारत सरकार ने डिजिटल संचार पारिस्थितिकी तंत्र में तेजी से बढ़ते साइबर अपराध, दुरुपयोग और पहचान-आधारित धोखाधड़ी को रोकने के लिए दूरसंचार क्षेत्र में नए साइबर सुरक्षा मानदंड लागू किए हैं। जिसके लिए नवंबर 2025 में दूरसंचार विभाग (DoT) ने Telecommunication Cybersecurity Amendment Rules, 2025 जारी किए गए है।
Telecommunication Cybersecurity Amendment Rules, 2025 के मुख्य प्रावधान:
- Telecommunication Identifier User Entity (TIUE):
- संशोधन नियमों में TIUE नामक नई नियामकीय श्रेणी जोड़ी गई है, जिसके अंतर्गत वे सभी प्लेटफ़ॉर्म आते हैं, जो मोबाइल नंबर का उपयोग उपभोक्ता पहचान या सेवा वितरण के लिए करते हैं। इसमें WhatsApp, Telegram, Signal जैसे OTT संचार ऐप शामिल हैं।
- अनिवार्य SIM Binding व्यवस्था: नियमों के अनुसार TIUEs को यह सुनिश्चित करना होगा कि उपयोगकर्ता का ऐप लगातार सक्रिय SIM से जुड़ा रहे और SIM हटने, निष्क्रिय होने या बदलने पर सेवा स्वतः बंद हो जाए। सभी ऐप-आधारित संचार प्लेटफ़ॉर्म को 90 दिनों के भीतर यह प्रणाली लागू करनी होगी।
- ऑटो लॉगआउट प्रावधान: अगर कोई TIUE अपने ऐप का वेब संस्करण प्रदान करता है, तो उसे इसे 6 घंटे के भीतर स्वतः लॉगआउट करने की व्यवस्था लागू करनी होगी। उपयोगकर्ता को दोबारा लॉगिन के लिए QR-code आधारित relinking उपलब्ध करानी होगी।
- दंडात्मक प्रावधान: सभी TIUEs को निर्देश जारी होने के 120 दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी। गैर-अनुपालन की स्थिति में उनके विरुद्ध Telecommunications Act, 2023, Cybersecurity Rules, 2024, और अन्य लागू कानूनों के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
नए प्रावधानों का उद्देश्य:
- राष्ट्रीय दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा: इन संशोधनों का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय दूरसंचार नेटवर्क को साइबर खतरों से सुरक्षित बनाना है।
- साइबर हमलों की रोकथाम: इन नियमों का लक्ष्य साइबर हमलों की रोकथाम करना है।
- डेटा सुरक्षा में सुधार: नियमों का उद्देश्य उपभोक्ता डेटा की सुरक्षा को मजबूत करना है। इससे व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग और डेटा लीक जैसी समस्याओं पर अंकुश लगेगा।
- जिम्मेदारी और जवाबदेही: संशोधन ऑपरेटरों पर जवाबदेही और अनुपालन की अधिक जिम्मेदारी डालते हैं।
- डिजिटल अवसंरचना: इन नियमों का उद्देश्य देश की डिजिटल अवसंरचना को आधुनिक साइबर चुनौतियों के अनुरूप बनाना है। इससे 5G-6G जैसी नई तकनीकों के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार होगा।
