Over 31 crore unorganized workers registered on e-Shram portal
संदर्भ:
हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2025 तक 31.38 करोड़ असंगठित श्रमिक तथा 5.09 लाख गिग व प्लेटफ़ॉर्म श्रमिक ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं। अस्थायी व गिग श्रमिकों के लिए शुरू किए गए इस पोर्टल में संरचनात्मक सुधार और कल्याण योजनाओं का समेकित ढांचा तैयार किया है, जो भविष्य के श्रम बाज़ार के लिए महत्वपूर्ण नीति संकेतक है।
ई–श्रम पोर्टल क्या है?
ई–श्रम पोर्टल भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour & Employment) द्वारा 26 अगस्त 2021 को शुरू किया गया एक राष्ट्रीय असंगठित श्रमिक डेटाबेस (National Database of Unorganised Workers – NDUW) है। जिसमें देश के सभी असंगठित, अस्थायी, प्रवासी, गिग व प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों को एक एकीकृत डिजिटल ढाँचे में पंजीकृत किया जा रहा है।
- उद्देश्य: ई–श्रम पोर्टल का प्रमुख लक्ष्य असंगठित श्रमिकों को औपचारिक सामाजिक सुरक्षा तंत्र में शामिल करना, सरकारी योजनाओं का लाभ स्वचालित रूप से उपलब्ध कराना, श्रमिकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का वास्तविक डेटाबेस तैयार करना और प्रवासी श्रमिकों के लिए पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित करना है।
- विशेषता: ई–श्रम भारत में पहली बार ऐसा प्लेटफॉर्म बना, जो असंगठित श्रमिकों को UAN—Universal Account Number प्रदान करता है, जिससे उनका डेटा पूरे देश में एक ही पहचान से जुड़ा रहता है।
- पात्रता: इसमें निर्माण श्रमिक, घरेलू कामगार, कुली, रिक्शा चालक, मछुआरे, स्ट्रीट वेंडर, मनरेगा श्रमिक, कृषि मजदूर, गिग और प्लेटफ़ॉर्म श्रमिक तथा अन्य सभी असंगठित कामगार शामिल हैं। आयु सीमा 16 से 59 वर्ष निर्धारित है।
- पंजीकरण: ई–श्रम पोर्टल पर पंजीकरण मुफ़्त है। इसमें श्रमिक का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर (जो आधार से लिंक हो), बैंक खाता विवरण और व्यवसाय से जुड़ी जानकारी मांगी जाती है। पंजीकरण के बाद एक UAN नंबर और ई–श्रम कार्ड जारी किया जाता है।
- लाभ: ई–श्रम पोर्टल को अब तक 14 केंद्रीय योजनाओं से जोड़ा जा चुका है। इन योजनाओं में— एक राष्ट्र–एक राशन कार्ड, आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, मनरेगा, PM-KISAN, PM Awas Yojana (Urban & Rural), PM-SVANidhi, PM Matru Vandana आदि शामिल हैं।
भारत में असंगठित क्षेत्र की स्थिति:
भारत की अर्थव्यवस्था में असंगठित क्षेत्र (Unorganised Sector) देश के कुल कार्यबल का लगभग 80–90 प्रतिशत हिस्सा है।
- असंगठित क्षेत्र उन आर्थिक गतिविधियों को दर्शाता है, जो पंजीकृत नहीं होतीं, इसमें कृषि, निर्माण, घरेलू कार्य, स्ट्रीट वेंडिंग, छोटे व्यापारी, स्वरोजगार और दिहाड़ी मजदूरी जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
- असंगठित क्षेत्र के श्रमिक अधिकांशतः निम्न आय, अनियमित रोजगार, बिना लिखित अनुबंध और न्यूनतम मजदूरी के उल्लंघन जैसी समस्याओं से जूझते हैं।
- असंगठित क्षेत्र देश की आपूर्ति श्रृंखला, उपभोक्ता बाज़ार और निर्माण क्षेत्र की रीढ़ माना जाता है। यह क्षेत्र MSME के साथ मिलकर GDP में बड़ा हिस्सा योगदान देता है।
ई–श्रम का महत्व:
- असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस: ई–श्रम पोर्टल देश के असंगठित श्रमिकों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाता है। इससे सरकार को श्रमिकों की वास्तविक संख्या की जानकारी मिलती है, जिससे नीतियाँ अधिक लक्षित और प्रभावी बन पाती हैं।
- सरकारी योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ: ई–श्रम कार्ड धारकों को पीएम सुरक्षा बीमा योजना, सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ, कौशल विकास कार्यक्रम जैसी योजनाओं का लाभ सीधे और समय पर मिलता है।
- श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा: यह पोर्टल श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा ढांचे से जोड़ता है। दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य सुरक्षा तथा भविष्य में पेंशन जैसे लाभों तक पहुँच आसान होती है, जिससे असंगठित क्षेत्र की असुरक्षा कम होती है।
- नौकरी–आधारित अवसर: ई–श्रम डेटाबेस सरकार और उद्योगों को श्रमिकों की कौशल जानकारी उपलब्ध कराता है। इससे श्रमिकों को स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार अवसरों से जोड़ने में मदद मिलती है।
- आपदा के समय त्वरित सहायता: कोविड महामारी के दौरान जैसे हालात में, सरकार को सहायता पहुँचाने में कठिनाई हुई थी। ई–श्रम पोर्टल भविष्य में ऐसे संकटों में असंगठित श्रमिकों को त्वरित वित्तीय एवं खाद्य सहायता देने के लिए मजबूत प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।

