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राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन (NFHM) | UPSC Preparation

NFHM

 

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संदर्भ:

भारत सरकार पुरानी फिल्मों के संरक्षण और डिजिटलीकरण के लिए राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन को लागू कर रही है। इसके तहत अब तक 1,469 फिल्मों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है, जिनकी कुल अवधि 4.3 लाख मिनट है। इनमें फीचर फिल्में, लघु फिल्में और वृत्तचित्र शामिल हैं। 

राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन (NFHM) का परिचय:
  • भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन (National Film Heritage Mission – NFHM) की शुरुआत की गई। 
  • इसका उद्देश्य भारत की समृद्ध और विविध सिनेमाई विरासत को संरक्षित करना, डिजिटाइज करना और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना है। 
  • NFHM का नोडल मंत्रालय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय है। वर्ष मार्च 2022 में सरकार द्वारा फिल्म मीडिया इकाइयों के एकीकरण के बाद, इस मिशन के सभी कार्य राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) के अंतर्गत समेकित कर दिए गए। पहले यह कार्य राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (NFAI) द्वारा किया जाता था।
  • मिशन के लिए प्रारंभिक रूप से ₹597.41 करोड़ का प्रावधान किया गया था। बाद में, NFDC के माध्यम से वर्ष 2026 तक ₹1304.52 करोड़ का कुल बजटीय आवंटन किया गया, जिससे संरक्षण और डिजिटलीकरण कार्यों को गति मिली।

मिशन के प्रमुख उद्देश्य:

  • सिनेमाई सामग्री का वैज्ञानिक मूल्यांकन: भारत में उपलब्ध लगभग 1.5 लाख फिल्म रीलों की वैज्ञानिक जांच की जा रही है ताकि उनकी स्थिति, क्षरण और जीवन-काल का आकलन किया जा सके।

  • डिजिटलीकरण और पुनर्स्थापन: पुरानी सेल्युलॉइड फिल्मों को 2K और 4K डिजिटल प्रारूप में परिवर्तित किया जा रहा है। इसके साथ-साथ, चयनित ऐतिहासिक फिल्मों का चित्र और ध्वनि पुनर्स्थापन भी किया जा रहा है।

  • अवसंरचना और क्षमता निर्माण: मिशन के अंतर्गत आधुनिक, तापमान नियंत्रित वॉल्ट तथा संरक्षण प्रयोगशालाओं का निर्माण किया गया है। साथ ही, अभिलेखीय विशेषज्ञों के लिए प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ आयोजित की जा रही हैं।

अब तक की प्रगति:

  • डिजिटाइज की गई फिल्में: सरकारी जानकारी के अनुसार, अब तक 1,469 फिल्म शीर्षकों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। इसमें फीचर फिल्में, लघु फिल्में और वृत्तचित्र शामिल हैं। कुल मिलाकर लगभग 4.3 लाख मिनट की सिनेमाई सामग्री डिजिटल रूप में संरक्षित की गई है।

  • पुनर्स्थापन कार्य: लगभग 180 फिल्में वर्तमान में पुनर्स्थापन के विभिन्न चरणों में हैं। इन फिल्मों का चयन उनके सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और कलात्मक महत्व के आधार पर किया गया है।

  • सार्वजनिक उपलब्धता: डिजिटाइज और पुनर्स्थापित फिल्में राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (NFDC के अंतर्गत) द्वारा सुरक्षित रखी जाती हैं और उनकी वेबसाइट पर शोध एवं शैक्षणिक उपयोग के लिए उपलब्ध कराई जाती हैं।

इसका महत्व:

  • सांस्कृतिक संरक्षण: NFHM भारत की प्रारंभिक और दुर्लभ फिल्मों को स्थायी रूप से नष्ट होने से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सिनेमा को भारत की जीवित सांस्कृतिक स्मृति के रूप में संरक्षित किया जा रहा है।

  • शैक्षणिक और शोध उपयोगिता: यह मिशन फिल्म अध्ययन, इतिहास, समाजशास्त्र और सांस्कृतिक शोध के लिए एक सशक्त आधार प्रदान करता है।

  • डिजिटल इंडिया से संबंध: NFHM डिजिटल इंडिया पहल के अनुरूप है, क्योंकि यह विरासत संरक्षण को आधुनिक डिजिटल तकनीक से जोड़ता है।

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