Patrol vessel Amulya
संदर्भ:
हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने अपनी समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए ‘अमूल्य’ (Amulya) नामक तेज़ गति वाले गश्ती पोत (Fast Patrol Vessel – FPV) को अपने बेड़े में शामिल किया है। यह भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति और तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। इसके शामिल होने से अब हिंद महासागर और अरब सागर में भारत की निगरानी क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
‘अमूल्य’ (Amulya) पोत का परिचय:
‘अमूल्य’ स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित एक ‘अदम्य’ श्रेणी (Adamya Class) का नया ‘फास्ट पेट्रोल वेसल’ (FPV) है। इसे रक्षा मंत्रालय और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) के बीच हस्ताक्षरित अनुबंध के तहत विकसित किया गया है। यह ‘अदम्य’ श्रेणी के उन आठ जहाजों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिन्हें तटीय सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है।
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- उद्देश्य: ‘अमूल्य’ को विशेष रूप से भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा और तटीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए तैनात किया गया है।
विशेषताएं:
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- डिजाइन और गति: ‘अमूल्य’ की लंबाई 51 मीटर है। यह 3,000 किलोवाट के दो इंजनों द्वारा संचालित है और इसकी अधिकतम गति 25-27 समुद्री मील (Knots) तक जा सकती है, जो इसे त्वरित प्रतिक्रिया (Quick Response) के लिए आदर्श बनाती है।
- उन्नत प्रणाली: इनमें स्वदेशी रूप से विकसित कंट्रोलेबल पिच प्रोपेलर (CPP) और गियरबॉक्स लगे हैं। इनमें एकीकृत ब्रिज सिस्टम (IBS) और स्वचालित पावर मैनेजमेंट सिस्टम (APMS) जैसी आधुनिक प्रणालियाँ भी हैं।
- उपकरण: इसमें समुद्री प्रदूषण नियंत्रण, खोज और बचाव (SAR) कार्यों के लिए आधुनिक उपकरण लगे हैं। यह 30 मिमी की CRN-91 तोप और दो 12.7 मिमी रिमोट-नियंत्रित स्थिर मशीन गन से लैस है।
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- स्वदेशीकरण: ‘अमूल्य’ का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत किया गया है। इसका लगभग 60% से अधिक हिस्सा स्वदेशी सामग्रियों और तकनीक से बना है। यह न केवल विदेशी निर्भरता को कम करता है बल्कि घरेलू रक्षा निर्माण क्षेत्र (MSMEs) को भी बढ़ावा देता है।
महत्व:
- तटीय सुरक्षा (Coastal Security): ‘अमूल्य’ भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की निगरानी करने और घुसपैठ, तस्करी तथा अवैध शिकार को रोकने में सक्षम है।
- तस्करी विरोधी अभियान: अपनी उच्च गति के कारण, यह समुद्र में संदिग्ध जहाजों का पीछा करने और उन्हें पकड़ने में अत्यधिक प्रभावी है।
- खोज और बचाव (SAR): आपदा के समय या समुद्र में फंसे मछुआरों की सहायता के लिए इसे न्यूनतम समय में तैनात किया जा सकता है।
- प्रदूषण प्रतिक्रिया: भारतीय तटों पर तेल रिसाव जैसी पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए इसमें विशिष्ट क्षमताएं जोड़ी गई हैं।
- सागर विजन (SAGAR – Security and Growth for All in the Region): ‘अमूल्य’ हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की ‘नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर’ की भूमिका को सुदृढ़ करता है।
- नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy): सुरक्षित समुद्र ही भारत की समुद्री व्यापारिक गतिविधियों और नीली अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों को प्राप्त करने की कुंजी है।

