Apni Pathshala

कुट्टनाड में मृदा विषाक्तता (Soil toxicity in Kuttanad) | Ankit Avasthi Sir

Soil toxicity in Kuttanad

Soil toxicity in Kuttanad

संदर्भ:

केरल चावल अनुसंधान संस्थान (KCPM) की हालिया रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने केरल के ‘राइस बाउल’ (धान का कटोरा) कहे जाने वाले कुट्टनाड (Kuttanad) के धान के खेतों में एल्युमीनियम (Aluminium) की अत्यधिक सांद्रता को लेकर अत्यधिक चिंता व्यक्त की है।

कुट्टनाड की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति:

कुट्टनाड भारत का सबसे निचला क्षेत्र है और दुनिया के उन दुर्लभ स्थानों में से एक है जहाँ खेती समुद्र तल से नीचे (Below Sea Level Farming) की जाती है। इस प्रणाली को FAO (खाद्य एवं कृषि संगठन) द्वारा ‘वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली’ (GIAHS) घोषित किया गया है। यहाँ मिट्टी में होने वाला कोई भी रासायनिक असंतुलन वैश्विक कृषि विरासत के लिए खतरा है। 

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:

  • हाल के मृदा परीक्षणों से पता चला है कि यहाँ की मिट्टी में एल्युमीनियम का स्तर सामान्य से कहीं अधिक है। यह समस्या विशेष रूप से उन क्षेत्रों में अधिक है जहाँ मिट्टी अत्यधिक अम्लीय (Acidic) है।
  • परीक्षणों में एल्युमीनियम का स्तर लगभग 77 से 330 पीपीएम के बीच पाया गया। यह मान चावल की सुरक्षित खेती मानक 2 पीपीएम से कही गुना अधिक है।
  • यहाँ जलभराव के कारण समुद्री गाद (Marine silts) का ऑक्सीकरण होता है, जिससे सल्फ्यूरिक एसिड बनता है।
  • साथ ही नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों के अनियंत्रित उपयोग ने मिट्टी की प्राकृतिक संरचना को बिगाड़ दिया है।
  • समुद्र तल से नीचे स्थित होने के कारण, यहाँ जल निकासी (Drainage) की व्यवस्था जटिल है, जिससे हानिकारक तत्व खेत से बाहर नहीं निकल पाते। 

कृषि और पर्यावरण पर प्रभाव:

  • जड़ों की वृद्धि में बाधा: एल्युमीनियम पौधों की जड़ों की कोशिकाओं के विभाजन को रोकता है, जिससे जड़ें छोटी और मोटी रह जाती हैं। इससे पौधे पोषक तत्वों और पानी को अवशोषित नहीं कर पाते।
  • पोषक तत्वों की कमी: उच्च एल्युमीनियम स्तर मिट्टी में फास्फोरस (Phosphorus), कैल्शियम और मैग्नीशियम की उपलब्धता को कम कर देता है।
  • कीटों और रोगों के प्रति संवेदनशीलता: कमजोर पौधों पर कीटों का हमला जल्दी होता है, जिससे पैदावार में भारी गिरावट आती है।
  • पारिस्थितिकी तंत्र का विनाश: कुट्टनाड एक रामसर साइट (Ramsar Site) है। यहाँ की मृदा संरचना में बदलाव स्थानीय जैव विविधता और जलीय जीवन को भी प्रभावित कर रहा है।

समाधान और सरकारी प्रयास:

  • चूना (Lime/Dolomite) का प्रयोग: अम्लता को कम करने और एल्युमीनियम को बेअसर करने के लिए खेतों में चूने का उचित प्रयोग आवश्यक है।
  • मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card): किसानों को Soil Health Card Portal के माध्यम से नियमित मिट्टी परीक्षण के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
  • एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन (INM): रासायनिक उर्वरकों के बजाय जैविक खाद और हरित खाद (Green Manure) के उपयोग पर बल देना।
  • किस्मों का चयन: एल्युमीनियम-सहिष्णु (Aluminium-tolerant) धान की किस्मों का विकास और वितरण।

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top