India to soon launch its first comprehensive national counter-terrorism policy
संदर्भ:
भारत अपनी पहली व्यापक राष्ट्रीय आतंकवाद-विरोधी नीति (Comprehensive National Counter-Terrorism Policy) को अंतिम रूप दे रहा है, जो आने वाले समय में राज्यों को आतंकवाद से निपटने के लिए एक एकीकृत ढाँचा प्रदान करेगी।
पृष्ठभूमि: भारत दशकों से सीमा पार आतंकवाद और आंतरिक उग्रवाद का सामना कर रहा है। अब तक, आतंकवाद से निपटने के लिए विभिन्न कानून (जैसे UAPA) और एजेंसियां (जैसे NIA, NSG) मौजूद थीं, लेकिन एक एकीकृत ‘मॉडल एंटी-टेलर स्ट्रक्चर’ का अभाव था। राज्यों के बीच पुलिसिंग और खुफिया जानकारी साझा करने में एकरूपता लाने के लिए इस नीति की आवश्यकता महसूस की गई।
नीति के प्रमुख स्तंभ:
- एकल व्यापक नीति: यह पहली बार है जब भारत एक ऐसी नीति बना रहा है जो सभी राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के लिए आतंकवाद से लड़ने का एक एकीकृत खाका तैयार करेगी, ताकि आतंकवाद से संबंधित घटनाओं पर प्रतिक्रिया दी जा सके।
- नई चुनौतियों पर ध्यान: नीति डिजिटल रेडिकलाइजेशन (सोशल मीडिया के माध्यम से), नेपाल जैसे खुले सीमावर्ती क्षेत्रों के दुरुपयोग, और विदेशी-वित्त पोषित नेटवर्क से उत्पन्न खतरों पर केंद्रित है।
- मौजूदा कानून: यह नीति मौजूदा कानूनों जैसे UAPA (Unlawful Activities (Prevention) Act) और NIA (National Investigation Agency) के साथ मिलकर काम करेगी, जो आतंकवाद विरोधी ढांचे के आधार हैं।
- समन्वित दृष्टिकोण: इसका लक्ष्य आतंकवाद के वित्तपोषण और क्रिप्टोकरेंसी जैसे नए खतरों से निपटने के लिए एक ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण और एक समन्वित प्रणाली बनाना है, जिसमें सभी राज्यों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
- सूचना साझाकरण: ‘जानने की आवश्यकता’ (Need to Know) के बजाय ‘साझा करने का कर्तव्य’ (Duty to Share) के सिद्धांत पर जोर दिया जाएगा, ताकि खुफिया जानकारी का प्रभावी ढंग से आदान-प्रदान हो सके।
- आतंकवाद विरोधी विंग: प्रत्येक राज्य में एक समर्पित और विशेष रूप से प्रशिक्षित आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) के गठन और सुदृढ़ीकरण पर जोर।

