Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana completes 25 years

संदर्भ:
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर शुरू हुई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) ने 25 दिसंबर, 2025 को अपने सफल कार्यान्वयन के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह योजना भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा मानी जाती है, जिसने दूर-दराज के गाँवों को मुख्यधारा के बाजारों, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ा है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के बारे में:
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा योजना है, जिसे 25 दिसंबर 2000 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू किया गया था।
-
- उद्देश्य: इसका प्राथमिक लक्ष्य ग्रामीण भारत में पात्र असंबद्ध बस्तियों (Unconnected Habitations) को ‘बारहमासी’ (All-weather) सड़कों के माध्यम से जोड़ना है।
- चरण: योजना ने समय के साथ अपनी पहुंच और उद्देश्यों का विस्तार किया है:
-
-
- PMGSY-I (2000): इसका प्राथमिक लक्ष्य असंबद्ध बस्तियों (मैदानी क्षेत्रों में 500+ और विशेष क्षेत्रों में 250+ आबादी) को बारहमासी सड़कों से जोड़ना था।
- PMGSY-II (2013): मौजूदा ग्रामीण सड़क नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण और उन्नयन (Upgradation) पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- RCPLWEA (2016): वामपंथी उग्रवाद प्रभावित 44 जिलों के लिए विशेष वर्टिकल के रूप में शुरू किया गया।
- PMGSY-III (2019): ग्रामीण कृषि बाजारों (GrAMs), उच्च माध्यमिक विद्यालयों और अस्पतालों को जोड़ने वाले 1.25 लाख किमी ‘थ्रू रूट्स’ के आधुनिकीकरण का लक्ष्य रखा गया।
- PMGSY-IV (2024-2029): नवीनतम चरण को सितंबर 2024 में मंजूरी दी गई। इसका लक्ष्य 70,125 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 25,000 नई बस्तियों को 62,500 किमी सड़कों के माध्यम से जोड़ना है।
-
- कार्यान्वयन: यह एक केंद्र प्रायोजित योजना (Centrally Sponsored Scheme) है। जिसमें केंद्र और राज्य के बीच योगदान का अनुपात 60:40 है। पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्य में 90:10 का अनुपात और बिना विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेश: 100% केंद्र द्वारा वित्तपोषित।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के 25 वर्षों की प्रमुख उपलब्धियां:
- सड़क निर्माण: योजना के तहत अब तक कुल 8,25,114 किमी सड़कों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से लगभग 95% यानी 7,87,520 किमी सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है।
- कनेक्टिविटी: अब तक लगभग 1.62 लाख से अधिक असंबद्ध बस्तियों को हर मौसम में सुरक्षित बारहमासी सड़कों से जोड़ा जा चुका है।
- ग्रीन टेक्नोलॉजी: स्थिरता को बढ़ावा देते हुए 1.24 लाख किमी से अधिक सड़कों का निर्माण प्लास्टिक कचरे, फ्लाई ऐश और कोल्ड मिक्स तकनीक जैसी ‘हरित’ तकनीकों से किया गया है।
- तकनीकी निगरानी: पारदर्शिता के लिए OMMAS (रियल-टाइम मॉनिटरिंग), e-MARG (रखरखाव निगरानी) और GPS-आधारित ट्रैकिंग का उपयोग किया जा रहा है।
- बजट आवंटन: वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना हेतु 19,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
- सामाजिक प्रभाव: इन सड़कों ने कृषि उत्पादों की बाजार तक पहुंच, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और ग्रामीण गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
