New Indian Standards for Incense Sticks

संदर्भ:
26 दिसंबर 2025 को ‘राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस’ के अवसर पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने IS 19412:2025 नामक अगरबत्ती के लिए नए भारतीय मानक (BIS Standard) जारी किए। नए मानकों का प्राथमिक उद्देश्य घरेलू वायु गुणवत्ता (Indoor Air Quality) में सुधार करना और स्वास्थ्य जोखिमों को कम करना है।
अगरबत्ती के नए भारतीय मानक संबंधी प्रावधान:
इन मानकों को BIS की सुगंध और स्वाद अनुभागीय समिति (PCD 18) द्वारा विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से विकसित किया गया है, जिनमें शामिल हैं: CSIR-CIMAP (केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान), CSIR-IITR (भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान), CSIR-CFTRI (केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान), FFDC, कन्नौज (सुगंध और स्वाद विकास केंद्र) और अखिल भारतीय अगरबत्ती निर्माता संघ।
- वर्जित कीटनाशक रसायन: मानक के तहत एलीथ्रिन (Alethrin), पर्मेथ्रिन (Permethrin), साइपरमेथ्रिन (Cypermethrin), डेल्टामेथ्रिन (Deltamethrin) और फिप्रोनिल (Fipronil) जैसे हानिकारक रसायनों के उपयोग पर रोक लगा दी गई है।
- प्रतिबंधित सिंथेटिक सुगंध: सिंथेटिक सुगंध इंटरमीडिएट जैसे बेंजाइल साइनाइड (Benzyl Cyanide), एथिल एक्रिलेट (Ethyl Acrylate) और डिपेनिलामाइन (Diphenylamine) को भी प्रतिबंधित किया गया है।
- वर्गीकरण: अगरबत्तियों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है—मशीन से बनी (Machine-made), हाथ से बनी (Hand-made) और पारंपरिक मसाला अगरबत्ती (Traditional Masala Agarbattis)।
- गुणवत्ता मानदंड: कच्चे माल की गुणवत्ता, जलने की क्षमता (Burning Quality), राख बनने की प्रक्रिया और सुगंध के प्रदर्शन के लिए विशिष्ट नियम निर्धारित किए गए हैं।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव:
- निर्यात क्षमता में वृद्धि: भारत दुनिया का सबसे बड़ा अगरबत्ती उत्पादक और निर्यातक है, जो 150 से अधिक देशों को लगभग ₹1,200 करोड़ का निर्यात करता है। यह मानक भारत के ₹8,000 करोड़ के अगरबत्ती उद्योग को सुरक्षित और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
- MSME और रोजगार: इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) शामिल हैं। यह ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है। नए मानकों से छोटे कारीगरों की आजीविका को सुरक्षा मिलेगी।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य: अगरबत्ती का धुआं लंबे समय तक श्वसन संबंधी समस्याओं और एलर्जी का कारण बन सकता था। रसायनों पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने ‘स्वस्थ भारत’ की दिशा में कदम बढ़ाया है।
भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards – BIS) के बारे मे:
- परिचय: भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards – BIS) भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय (National Standards Body) है। यह उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तत्वावधान में कार्य करता है। इसकी स्थापना BIS अधिनियम, 2016 के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में की गई है।
- मानकीकरण (Standardization): BIS विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के लिए गुणवत्ता मानक निर्धारित करता है, ताकि उनकी सुरक्षा और प्रदर्शन सुनिश्चित हो सके।
- प्रमाणन (Certification): यह उत्पादों को ISI मार्क प्रदान करता है, जो गुणवत्ता का आश्वासन देता है। अनिवार्य उत्पादों (जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान, हेलमेट) के लिए यह प्रमाणन आवश्यक है।
- हॉलमार्किंग (Hallmarking): सोने और चांदी के गहनों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए BIS हॉलमार्किंग अनिवार्य है, जो उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाती है।
- प्रयोगशाला नेटवर्क: BIS के पास परीक्षण के लिए देश भर में अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का जाल है, जहाँ उत्पादों की गुणवत्ता जांची जाती है।
- उपभोक्ता संरक्षण: ‘जागो ग्राहक जागो’ अभियान के माध्यम से BIS उपभोक्ताओं को घटिया उत्पादों के खिलाफ जागरूक करता है। BIS Care App के जरिए ग्राहक ISI मार्क और हॉलमार्क की सत्यता की जांच स्वयं कर सकते हैं।
